शाहजहाँपुर : तहसीलदार कलान धर्मेन्द्र कुमार पान्डेय हुए निलम्बित

शाहजहाँपुर । आयुक्त एवं सचिव, राजस्व परिषद, उत्तर प्रदेश द्वारा जारी आदेश के अनुसार डा० धर्मेन्द्र कुमार पान्डेय, तत्कालीन तहसीलदार पुवांया (वर्तमान तहसीलदार कलान) जनपद शाहजहांपुर द्वारा राजस्व अभिलेखों का समुचित परीक्षण किये बगैर चारागाह व मरघट की भूमि को मात्र विक्रय विलेख के आधार पर क्रेता के पक्ष में बतौर संक्रमणीय भूमिधर दर्ज करने सम्बन्धी प्रकरण में अनुशासनिक कार्यवाही संस्थित कर, तत्काल प्रभाव से निलम्बित करते हुए मंडलायुक्त कार्यालय, बरेली से सम्बद्ध किया गया है। प्रकरण की जांच हेतु अपर आयुक्त (प्रशासन), बरेली मंडल, बरेली को जांच अधिकारी नामित करने के आदेश प्रदान किए गए हैं।

ग्राम गंधार परगना जमौर तहसील सदर, जनपद शाहजहाँपुर के सी0एच0-41 व 45 में खसरा नं0 1187 मि0 / 0.065, 1188मि0 /0.8870, 1225क / 6.2520, 1347क / 0.4050, 1348 / 0.705हे0 (कुल रकवा 8.3140 हे0) चारागाह के रूप में दर्ज थे एवं खसरा नं० 1189/1.870 हे0 मरघट के रूप में दर्ज थे किन्तु अपर आयुक्त न्यायिक, बरेली मंडल, बरेली द्वारा नामान्तरण वाद नायब तहसीलदार जमौर के न्यायालय से तहसीलदार पुवायां के न्यायालय में स्थानान्तरित कर दिये जाने के उपरान्त, तत्कालीन तहसीलदार पुवायां डा० धर्मेन्द्र कुमार पान्डेय द्वारा राजस्व अभिलेखों, सी0एच -45 व 41 का समुचित परीक्षण एवं जाँच किये बगैर एवं पक – 1 पर हल्का लेखपाल की रिपोर्ट प्राप्त किये बगैर उक्त 06 वाद पत्रावलियों में आदेश दिनांक 26-08-2022 पारित कर।

चारागाह के रूप में दर्ज खसरा नं0 1187 मि0 1188मि0, 1225क, 1347 मि0, 1347क, 1348 के अधीन कुल भूमि 8.314 हे0 तथा व मरघट के रूप में दर्ज खसरा नं0 1189 / 1.870 हे0 (कुल रकवा 10.184 हे0) सार्वजनिक उपयोग की भूमि वर्णित 06 नामान्तरण वाद पत्रावलियों में प्रस्तुत विक्रय विलेख के आधार पर क्रेतागण के पक्ष में विधिविरूद्ध तरीके से नामान्तरण आदेश पारित कर दिये गये ।

यह भूमि उ०प्र० राजस्व संहिता की धारा – 77/ यू०पी० जेड0ए0एल0आर0एक्ट की धारा-132 की भूमि थी, जिसका नियमतः दाखिल खारिज नहीं हो सकता | अभिलेखों का समुचित परीक्षण किये बगैर इस प्रकार के आदेश पारित करना एक गम्भीर प्रकृति की न्यायिक एवं प्रशासनिक त्रुटि है, जिसके लिये डा० धर्मेन्द्र कुमार पान्डेय, तत्कालीन तहसीलदार पुवांया (वर्तमान तहसीलदार कलान) प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए।

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