भास्कर न्यूज़
उ0प्र0 के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी प्रदेश के किसानों, कृषि कार्य में लगे खेतिहरों को फसलोत्पादन के लिए हर तरह की सहायता कर रहे हैं।
उन्ही सहायता देने वाली योजनाओं में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना भी किसानों को सामाजिक सुरक्षा देने वाली एक प्रमुख योजना हैजिसे मुख्यमंत्री जी ने पूरे प्रदेश के किसानों, खेती करने वाले बटाईदारों के लिए भी लागू किया है। खेती-किसानी प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। किसान खेत में बारहोमास कार्य करता है।
यद्यपि खेती में पूरा परिवार लगता है किन्तु घर का मुखिया/
कमाऊ व्यक्ति विशेषकर खेत में फसल की बुआई, सिंचाई, निराई आदि में लगा रहता है। खेती का काम करते समय किसान की विभिन्न दुर्घटनाओं में मृत्यु भी हो जाती है। ऐसी दशा में किसान का परिवार आर्थिक परेशानी में आ जाता है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने ऐसे पीड़ित परिवारों को मृत्यु होने पर 05 लाख रूपए देने की योजना लागू की है।
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अन्तर्गत लाभ लेने के लिए उत्तर प्रदेश के मूल निवासी किसान जिनकी आय का मुख्य साधन कृषि है तथा किसान की आयु 18 वर्ष से 70 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
यदि किसी किसान के पास अपनी भूमि नहीं है और वह बटाई पर दूसरे किसान की भूमि पर खेती करता है, और किसी दुर्घटना के दौरान उसकी मृत्यु हो जाती है या वह विकलांग हो जाता है तो वह भी योजना का लाभ लेने के लिए पात्र होंगे।
किसी किसान, बटाईदार की मृत्यु होने पर मृतक के उत्तराधिकारियों को मुआवजा की धनराशि बैंक खातों में भेजी जाती है। किसान/उत्तराधिकारी का बैंक में खाता भी होना जरूरी है।
किसानों द्वारा किये जा रहे कृषि कार्यों या आवागमन के समय विभिन्न प्रकार की दुर्घटनाएं हो सकती है।
इनमें आग में जलने, बाढ़ में बह जानेे, आकाशीय बिजली गिरने या बिजली का करंट लगने, हत्या, डकैती, आतंकी हमला में मृत्यु होने, मकान के नीचे दबनेे, प्राकृतिक आपदाओं में मृत्यु होने, जंगली जीवों के आक्रमण सांप काटने आदि जैसी दुर्घटनाओं के कारण दोनों हाथ पैर कटने, दोनों आंखें चली जाने, मृत्यु होने पर 05 लाख रू0, एक हाथ-
एक पैर न होने से विकलांग होने पर 2 से 3 लाख रू0,
25 प्रतिशत से अधिक 50 प्रति तक के विकलांगता पर 1 से 2 लाख रू0, मुआवजा सीधे लाभार्थी के खाते में भेजा जाता है।
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजनान्तर्गत लाभ लेने के लिए मृतक खातेदार/ सह खातेदार कृषक के परिजनों द्वारा आवेदन पत्र भर कर 45 दिन के अन्दर सम्बंधित जिले/तहसील में जमा करना होगा यदि आवेदन करने में 45 दिन का समय निकल जाता है तो सम्बंधित जिले के जिलाधिकारी एक माह का समय दे सकते हैं।
संवाददाता- निशांत बाजपेई, विश्वास सिंह