भास्कर समाचार सेवा
सैफनी/रामपुर। नगर में हजरत शेख भूरे शाह मियां का सालाना उर्स सोमवार से शुरू होगा। कस्बे के मुहल्ला कोठी दरगाह शरीफ होने वाला उर्स सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है। यहां सभी धर्मो के लोग चादरपोशी को आते हैं। बुजुर्गो ने भूरे शाह बाबा के बारे में बताया कि वह पंजाब प्रांत के सर¨हद के रहने वाले थे। भूरे शाह बाबा चार सौ साल पूर्व कस्बा ठोठर जो अब रामपुर का एक मुहल्ला है, में आकर रहने लगे थे। जब बरेली जनपद के आंवला के नवाब सैयद मुहम्मद फैजुल्ला खां ने रामपुर नाम का शहर बसाया तब उन्होंने भूरे शाह बाबा को 84 गांवों की रियासत सैफनी का काजी नियुक्त किया। भूरे शाह बाबा ने सैफनी के दक्षिण पूर्व में विशाल जंगल के बीचोंबीच अपना निवास बनाया। सैकड़ों जंगली जानवर के बीच वे शान से रहे, जिससे उनकी लोकप्रियता बढ़ती गई। काजी पद पर रहते हुए आपने कई करामातें दिखाई, जिनसे लोग प्रभावित होने लगे। एक बार जब वे अपने घर में थे तब कई कुख्यात डाकुओं ने इन पर हमला किया और इसके बाद घर के चारों ओर आग लगाकर चले गए। बताया जाता है कि आग से भूरे शाह बाबा का बाल भी बांका नहीं हुआ। इस बात की गवाही उनकी टोपी व बालों ने दी जो उसके कई वर्षो बाद तक सुरक्षित रहे। उनके वंश के लोग आज भी रामपुर के मुहल्ला ठोठर में निवास करते हैं। दूसरा बाकिया एक बार जैनी लोग दर्गा के समीप से गुजर रहे थे तभी जैन समाज के मुनि को लघुशंका लगी ओर बह लघुशंका करने लगे तब उनके ऊपर मुहार की मख्खियों के दल ने हमला कर दिया था और मुनि ने दर्गा पर माफ़ी मांगी तब मख्खी दल हठा। उनकी दरगाह का भव्य सौंदर्यीकरण उर्स कमेटी द्वारा लगातार जारी है। उर्स की तैयारियां जोरों पर हैं। उर्स कमेटी के मैनेजर एड.अब्दुल रऊफ अंसारी अशरफी ने बताया कि पांच दिवसीय उर्स 5 नवंबर की सुबह सादिक 03:38 पर कुल शरीफ के साथ संपन्न होगा। उर्स के पहले दिन जलसे का आयोजन खानकाह किछोछा शरीफ बसखारी के सय्यद शमदानी मियां अशरफी जिलानी करेंगे।उसके बाद महफ़िल ए शमां सुफ़ियान अंदाज़ में कब्बाली का प्रोग्राम होगा।जिसमें टीवी चैनल फिल्मी आर्टिस्ट कब्बाल अपना कलाम पेश करेंगे।।