महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में गठबंधन कर लड़ी शिवसेना-बीजेपी की राह अब अलग हो गई। चुनाव से पहले जहां दोनों छोटा-बड़ा भाई और हिंदुत्व के विचारों को लेकर मैदान में उतरी थी। वहीं चुनाव परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों पार्टियों में दरार आ गई। सियासी उटापटक के बीच शिवसेना लगातार बीजेपी पर गंभीर आरोप लगा रही है। आज (मंगलवार) शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में भाजपा नेताओं पर तीखा हमला किया है। शिवसेना ने पूछा है कि हमें एनडीए से निकालने वाले तुम कौन हो?
शिवसेना ने लिखा है कि, एनडीए में शिवसेना के नहीं होने की घोषण की गई। दिल्ली के भाजपा नेताओं ने किस आधार पर और किसकी अनुमति ये यह घोषणा की। इस प्रकार की जल्दबाजी इन दोनों के लिए ठीक नहीं है। दिल्ली के मोदी मंत्रिमंडल में से किसी एक प्रह्लाद जोशी ने यह घोषणा की है कि कांग्रेस और एनसीपी से शिवसेना के संबंध जुड़ने के कारण उन्हें एनडीए से बाहर निकाल दिया गया। उनके सांसदों को संसद में विरोधी पक्ष में बैठाया गया है। जिस टेढ़े मुंहवाले ने ये घोषण की है उसे शिवसेना का मर्म और एनडीए का कर्म-धर्म नहीं पता। एनडीए के जन्म और प्रसव पीड़ा को शिवसेना ने अनुभव किया है।
शिवसेना ने लिखा कि, एनडीए से शिवसेना को बाहर निकालने की बात करने वालों को एक बार इतिहास समझ लेना चाहिए। बालासाहेब ठाकरे, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, जॉर्ज फर्नांडीज और पंजाब के बादल जैसे दिग्गजों ने जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की नींव रखी उस समय आज के दिल्लीश्वर गुदड़ी में भी नहीं रहे होंगे। शिवसेना को बाहर निकालने का निर्णय किस बैठक में और किस आधार पर लिया गया। ये सारा मामला इतनी हद तक क्यों गया? इस पर एनडीए के सहयोगी दलों की बैठक बुलाकर चर्चा के बाद निर्णय हुआ है क्या? कोई एक टेढ़े मुंहवाला उठता है और शिवसेना के एनडीए से बाहर निकालने की घोषणा करता है। ठीक ही हुआ, इस कृत्य से तुम्हारे विचारों की खुजली आज बाहर आ गई।
शिवसेना ने आगे कहा, ‘इन खुजलीबाजों को शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे के सातवें स्मृतिदिन का मुहूर्त मिला। सारा देश जब बालासाहेब को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा था। उसी समय जिसने एनडीए की स्थापना की उसे ही बाहर निकालने की नीच घोषणा इन लोगों ने की। ये अहंकारी और मनमानी राजनीति के अंत की शुरुआत है। महाराष्ट्र से लिया गया पंगा तुम्हारा तंबू उखाड़े बिना नहीं रहेगा। पंगा लेनेवालों को हम वचन दे रहे हैं। महाराष्ट्र उठता नहीं और उठ गया तो चुप नहीं बैठता।’
शिवसेना ने कहा, भाजपा का हो-हल्ला है कि शिवसेना ने कांग्रेस से हाथ मिलाया है। हम पूछते हैं कि अगर ऐसा होता दिख रहा है तो एनडीए की बैठक बुलाकर शिवसेना पर आरोप पत्र क्यों नहीं ठोंका। इससे चोर कौन और ढोंगी कौन ये साफ हो जाता है। कश्मीर में राष्ट्रद्रोही और पाकिस्तानियों के गीत गानेवाली महबूबा मुफ्ती के साथ सत्ता के लिए निकाह करने वाली भाजपा ने एनडीए की अनुमति ली थी क्या। नरेंद्र मोदी का विरोध करनेवाले और मोदी पर कठोर टिप्पणी करनेवाले नीतीश कुमार की कमर पर फिर से एनडीए की लंगोट पहनाते समय अनुमति ली थी क्या? लेकिन सारे लोगों के विरोध में जाने के दौरान मोदी का बचाव करने वाले शिवसेनाप्रमुख के संगठन को एनडीए से बाहर निकालने का मुहूर्त मिला वो भी शिवसेनाप्रमुख की पुण्यतिथि का। खुद को हरिश्चंद्र का अवतार माननेवालों ने हरिश्चंद्र जैसा बर्ताव नहीं किया।