सियासी चक्रव्यूह में फंसे अखिलेश, मुलायम सिंह के खिलाफ शिवपाल ने खोला मोर्चा

लखनऊ। विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी को करारी शिकस्त देने के बाद भाजपा अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव के जरिए पूर्व सीएम को सियासी चक्रव्यूह में घेरने की रणनीति पर काम कर रही है। शिवपाल के प्रति भाजपा ने नरमी का रुख अपनाते हुए उन्हें भाजपा में शामिल होने का लालच दिया।

इसीलिए शिवपाल सपा में उपेक्षित चल रहे आजम खान से सीतापुर जेल में मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद शिवपाल ने पहली बार आजम की अनदेखी पर आक्रामक रुख अपनाते हुए मुलायम सिंह यादव के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया। अखिलेश यादव उनके निशाने पर पहले से ही हैं। शिवपाल ने सीएम योगी से मुलाकात कर आजम के प्रति नरमी बरतने की अपील भी करेंगे।

जेल में सजा काट रहे आजम खान

सीतापुर जेल में बंद सपा नेता आजम खान से मुलाकात के बाद शिवपाल ने कहा, मुलायम सिंह और अखिलेश यादव चाहते तो आजम जेल से बाहर होते हैं। उन्होंने कहा, यदि सपा गंभीर होती तो परिणाम कुछ और होते। नेता जी ने कुछ नहीं किया, लोकसभा में भी मामला नहीं उठाया, उनके नेतृत्व में पार्टी इस मामले पर धरना कर सकती थी। यदि मुलायम आजम के लिए धरना प्रदर्शन करते तो प्रधानमंत्री इस मामले का संज्ञान जरूर लेते। छोटे-छोटे मुकदमों में आजम को जेल भेजा गया है

आजम मामले में अखिलेश को दिलचस्पी नहीं

आजम खान भी खुलेआम कह चुके हैं कि सपा प्रमुख अखिलेश उनके मामले में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। उनके ही इशारे पर कई मुस्लिम नेता और विधायक अखिलेश पर आरोप लगा चुके हैं कि सपा मुस्लिमों के हितों को लेकर संजीदा नहीं है। शिवपाल यादव इस धड़े को प्रत्यक्ष रूप से सहयोग दे रहे हैं। माना जा रहा है सपा के 111 विधायकों में से दो दर्जन से अधिक विधायक अखिलेश की कार्यशैली से नाराज हैं। भाजपा इन्हें अप्रत्यक्ष रूप से हवा दे रही है। यह काम शिवपाल के जरिए और आसान हो गया है।

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