प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के मुखिया शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि सभ्रान्त लोगों की राय पर हमने बहू के खिलाफ उम्मीदवार नहीं लड़ाया है। उन्होंने कन्नौज की सांसद डिंपल यादव के सामने अपना उम्मीदवार न लड़ाने के सवाल पर यह जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जब से नेता जी को हटाया गया है, तभी से समाजवादी पार्टी में दादागीरी आयी है।
प्रसपा अध्यक्ष एवं फिरोजाबाद लोकसभा सीट से उम्मीदवार शिवपाल सिंह यादव शुक्रवार को फिरोजाबाद के विभिन्न क्षेत्रों में अपना चुनाव प्रचार कर रहे थे। इस दौरान वह मीडिया से भी रूबरू हुए। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के अली व बजरंगबली वाले बयान पर का कहा कि चुनाव में अली व बजरंग बली ये बाते नहीं आनी चाहिए। जनता की समस्याएं आनी चाहिए। किसान, नौजवान व महिलाओं की समस्याएं आनी चाहिये। देश की सीमाएं खतरे में है। अली और बजरंग बली को तो संत व आचार्यों पर छोड़ देना चाहिये।
इस बीच एक और बड़ी खबर ने लोगो को हैरानी में डाल दिया है| बताते चले प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (पीएसपी) प्रमुख शिवपाल यादव ने रविवार को कहा कि समाजवादी पार्टी (एसपी) में उनकी पार्टी का विलय नहीं होगा और न ही समाजवादी पार्टी में वे लौटेंगे. मीडिया से बातचीत में शिवपाल ने कहा कि वे सपा के साथ गठबंधन को तैयार हैं लेकिन इसके लिए अखिलेश को पहले उनसे बात करनी होगी.
‘मैंने हमेशा सपा के लिए और बीजेपी के खिलाफ काम किया है.
पीएसपी प्रमुख ने कहा, ‘चुनाव बाद अगर वे (अखिलेश यादव) हमसे बात करें, हमें आदर दें तो मैं इसपर विचार करूंगा लेकिन गठबंधन सहयोगी ही बनूंगा. मेरी पार्टी बने रहेगी और सपा में शामिल नहीं होगी.’ शिवपाल यादव ने उन आरोपों को खारिज कर दिया जिसमें उन्हें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की बी-टीम बताया जा रहा है. शिवपाल ने कहा, ‘मैंने हमेशा सपा के लिए और बीजेपी के खिलाफ काम किया है.
अखिलेश ने गठबंधन का ऐलान किया तो हमने उनसे पीएसपी को सहयोगी बनाने के लिए कहा. मेरी मांग बड़ी नहीं थी. उसके बाद मैंने कांग्रेस के साथ कोशिश की. कांग्रेस नेताओं से बातचीत भी हुई. मैंने उनसे फिरोजाबाद और इटावा की सीट मांगी. मैंने उनसे वैसी सीटें मांगीं जहां उनके उम्मीदवार नहीं थे. 15-20 सीटों की मांग थी. मैं बीजेपी को हराने के लिए तैयार था.