संदना-सीतापुर। जिले के अंदर गन्ने के ओवरलोड भरे वाहनों पर जिले का प्रशासन रोक नहीं लगा पा रहा है और ना ही इनके ऊपर कोई कार्यवाही कर पा रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि सीतापुर का प्रशासन कहीं ना कहीं चीनी मिलों के दबाव में काम कर रहा है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि जो घटनाएं घटित हो रही हैं उन्हें देखने के बाद भी प्रशासन द्वारा कार्रवाई न किया जाना दर्शाता है कि प्रशासन कहीं ना कहीं चीनी मिलों के दबाव में काम कर रहा है।
कई घटनाएं घटित होने के गबाद भी नहीं चेता प्रशासन
अगर कल की घटना की ही बात करें तो इतनी बड़ी घटना घटित होने के बाद भी आज दूसरे दिन अनेकों स्थानों पर गन्ने के भरे ओवरलोड ट्रक देखने को मिले। जिस क्षेत्र में घटना घटित हुई उसी थाना क्षेत्र में कई स्थानों पर ओवरलोड ट्रकों को देखकर लोगों का कहना था कि संदना कस्बे के अंदर इतनी बड़ी घटना घटित हुई फिर भी ओवरलोड ट्रकों का आवागमन बंद नहीं किया गया है जिससे अगली बार इससे भी बड़ी कोई घटना घटित हो सकती है।
चीनी मिलों के दबाव में है सीतापुर का प्रशासन
आपको बताते चलें कि सीतापुर जिले के संदना थाना क्षेत्र व कस्बे में बीती रात ओवरलोड गन्ना भरे का ट्रक का टायर फट जाने से ट्रैक्टर ट्राली समेत बोलेरो वहां पर खड़े हुए अनेक लोग उसके नीचे दब गए थे जिससे जहां 7 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं तथाएक व्यक्ति की मौत भी हुई है। आनन-फानन में डीएम तथा एसपी मौके पर पहुंचे घायलों को उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया गया। इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी प्रशासन इस पर रोक नहीं लगा पा रहा है। बात यहीं पर नहीं खत्म होती है अगर देखा जाए तो इससे पूर्व बीती 4 फरवरी को थाना पिसावा क्षेत्र में जल्लापुर में स्थित एक होटल के ऊपर ओवरलोड गन्ना भरा ट्रक पलट गया था।
यह तो गनीमत रही कि ट्रक पलटते देख होटल के अंदर बैठे लोग भाग खड़े हुए वरना ना जाने कितनी मौतें हुई होती। इसी घटना को देखा जाए तो उससे भी पूर्व 24 जनवरी को सीतापुर जिले के जहांगीराबाद कस्बे में भी इसी तरीके की घटना घटित हुई थी और ओवरलोड का गन्ना भरा ट्रक वहां पलट गया था। गनीमत रही कि ट्रक को पलट कर देख सभी लोग वहां से भाग खड़े हुए थे अगर थोड़ा सा भी चूक जाते तो वहां भी संदना के ही तरह घटना घटित हो सकती थी।
यह तो तीन घटनाएं महज बानगी हैं इस तरह से ना जाने कितने ओवरलोड ट्रक पूरे जनपद में गुजरते रहते हैं और प्रशासन की नाक के नीचे से निकलते हैं लेकिन प्रशासन इन पर कोई भी कार्यवाही नहीं कर पा रहा है। इससे यह प्रतीत होता है कहीं ना कहीं चीनी मिलों के दबाव में काम कर रहा है।