सीतापुर। प्रदेश भर में चकबंदी विभाग के राजस्व विभाग में विलय को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से प्रमुख सचिव राजस्व विभाग तथा आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद को ज्ञापन दिया गया। इसी क्रम में आज सीतापुर में भी तहसीलदारों तथा नायब तहसीलदारों द्वारा ज्ञापन सौंपा गया। जिलाधिकारी के अनुपस्थिति में ज्ञापन अपर जिलाधिकारी को सौंपा गया। विलय को लेकर राजस्व अधिकारियों में काफी रोष व्याप्त है।
ज्ञापन में कहा गया है कि चकबंदी अधिकारियों का विलय या प्रतिनियुक्ति विभाग के सेवा नियमावली के विपरीत है जो समाज के लिए भी ठीक नही है। राजस्व विभाग में सीधी भर्ती से आए अधिकारी को 4 महीने के प्रशिक्षण तथा विभागीय परीक्षा पास करनी पढ़ती है इसी के बाद उनको न्यायालय में कार्य करने तथा प्रमोशन मिलता है।
अधिकारी के आह्वान पर सीतापुर में सभी तहसील के तहसीलदारों ने एडीएम को दिया ज्ञापन
चकबंदी अधिकारी इन दोनो अहर्ताएं पूरी नही करते। शासन के द्वारा यह कहा जा रहा कि चकबंदी में ज्यादा अधिकारी है और काम नही करते। तो उन्हे इस बात का दंड दिया जा रहा या पुरस्कार? क्या चकबंदी का काम अब प्रदेश में कभी नही होगा? बताते चले कि चकबंदी विभाग द्वारा एक एक गांव की चकबंदी 15 से बीस साल में पूरी नही की जा सकी है। इससे राजस्व विभाग और सामान्य जनमानस को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। साथ ही संघ द्वारा संज्ञान नही लेने पर 22 सितंबर को कार्य से विरत रहने का आव्हान किया गया है।