सीतापुर। डेलीगेट के हुए चुनाव को लेकर सीतापुर गन्ना सहकारी समिति के पूर्व चेयरमैन तथा अधिवक्ता राम नारायण त्रिवेदी ने भाजपा के लोगों पर बेहद गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने आज एक प्रेसवार्ता में कहा कि चुनाव में 20 लाख रूपया के बदले टिकट देने के लिए डिमांड की गई थी। जिसे पूरा ना कर पाने के कारण उन्हें टिकट नहीं दिया गया और जिन लोगों ने पैसा दिया उन्हें टिकट दिया गया है।
चुनाव में जमकर धांधलेबाजी की गई है। उन्हें वोट नहीं डालने दिया गया, उनके लोग जो वोट डालने आए थे उन्हें मारपीट कर भगा दिया गया जिससे उनका पुत्र आशीष त्रिवेदी डेलीगेट का चुनाव हार गया है। मेरी हत्या की पूरी साजिश थी। उन्होंने कहा कि वह 36 वर्षांे से भाजपा की सेवा करते चले आए है। जिसका पार्टी ने यह सिला दिया है। वह पार्टी को अलविदा कह रहे है। 2027 के चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ हो जाएगा।
बताते चलें कि इस बार डेलीगेट के चुनाव में खूब बवाल हुआ है। चेयरमैन के टिकट को लेकर इस बार जितना गदर कटा है उतना बवाल पहले कभी नहीं हुआ। 3 अक्टूबर को डेलीगेट का चुनाव था। वहीं कई स्थानों पर हल्का विवाद भी देखने को मिला। फिलहाल कई स्थानों पर चुनाव हुआ है तो कई स्थानों पर डेलीगेट निर्विरोध निर्वाचित हो गए है।
धाधलेबाजी करने का आरोप लगाने वाले राम नारायण त्रिवेदी का कहना है कि उनकी हत्या की साजिश भी रची गई थी लेकिन वह किसी तरह से बच निकले है। उन्होंने खुलेआम पैसा मांगने वालों का नाम भी पत्रकारों के सामने लिया है। उनकार कहना था कि बसपा से आए कंडीडेट ने उतनी ही धनराशि दे दी जिससे उनका टिकट कर दिया गया। यही नहीं दलबदलुओं को जिताने के लिए मुझे व मेरे ग्रुप के लोगों को वोट भी नहीं डालने दिया गया। वह हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।