
पुलिस व एसओजी टीम ने आज रात को थाना पिसावा क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान दोनों शूटरों को मुठभेड़ में मार गिराया
जिला अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने मृत घोषित किया दोनों शूटर
पुलिस को काफी दिनों से थी दोनों की तलाश

बीते 5 माह से फरार चल रहे थे दोनों शूटर
सीतापुर। जिले के महोली कस्बे के रहने वाले दैनिक जागरण के पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई की बीती 8 मार्च को उस वक्त गोली मार कर निर्मम हत्या कर दी गई थी जब वह किसी कार्य से सीतापुर आ रहे थे। इस दौरान पीछा लगाकर घात लगाए हुए हत्यारे ने नेरी के रेलवे पुल पर उन्हें गोली से उड़ा दिया था। इस घटना के बाद में पूरे उत्तर प्रदेश में एक भूचाल सा आ गया था।

पुलिस ने अनेकों लोगों को पकड़ा और इस मामले में हत्या की साजिश को अंजाम देने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था लेकिन हत्या कर फरार होने वाले शूटर नहीं पकड़े गए थे। जिनकी बीते 5 माह से पुलिस काफी तेजी से तलाश कर रही थी।
इसी दौरान पुलिस को बीती रात पता चला कि राघवेंद्र हत्याकांड के दोनों शूटर सीतापुर थाना के पिसावा क्षेत्र में मौजूद है जिस पर पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल ने तत्काल पांच टीमों का गठन करते हुए उन्हें पकड़ने के लिए मौके पर भेजा। सूत्रों ने जैसे ही पुलिस को देखा उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगे जिस पर जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने अपनी बचाव रक्षा के लिए भी गोली चलाई जिससे दोनों बदमाश घायल हो गए। घायल बदमाशों को पहले पिसावा स्थित सीएचसी लाया गया जहां से चिकित्सकों ने उन्हें सीतापुर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। सीतापुर अस्पताल लाने पर यहां के चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया है। राघवेंद्र हत्याकांड के फरार यह दोनों शूटर एक- एक लाख रुपए के इनामिया भी घोषित किए गए थे। पुलिस तथा एसओजी टीम की इस कार्रवाई पर पुलिस अधीक्षक ने टीम की पीठ थपथपाई है