सीतापुर : घायल मरीजों का इलाज करने के बजाय शराब पीने में जुटे रहे सीएचसी अधीक्षक

महमूदाबाद, सीतापुर। संवेदनहीनता की हद ईश्वर के बाद लोग देते हैं डॉक्टरों को भगवान का दर्जा लेकिन महमूदाबाद सीएचसी में जो कुछ हुआ उसे देख सुनकर लोग हैरत और आश्चर्य में हैं कि आखिर कोई जिम्मेदार अधिकारी/डॉक्टर इतना गैर जिम्मेदार और संवेदनहीन कैसे हो सकता है। अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड में शनिवार की शाम करीब सवा सात बजे मार्ग दुर्घटना में घायल हुए दो मासूमों सहित गंभीर रूप से घायल आठ लोगों का इलाज चल रहा था। चीखने-चिल्लाने की आवाजें आ रही थीं।

सिर्फ एक डाक्टर घायलों में जुटे थे और सीएचसी अधीक्षक अपने साथियों के साथ अस्पताल के एक कमरे को अंदर से बंद कर शराब पार्टी का आनंद ले रहे थे। सूचना पाकर सीओ अस्पताल पहुंच गए लेकिन चीखों को सुनने के बाद भी अधीक्षक पार्टी का आंनद लेने और खत्म होने के बाद ही बाहर निकले। अस्पताल में माजूद तमाम लोग अधीक्षक के शर्मशार कर देने वाले कृत्य को देखकर न केवल हैरान व परेशान थे, बल्कि आक्रोशित हो उठे। लोगों ने अधीक्षक को जमकर लताड़ा। शराब की बदबू लोगों की नाक में घुसी जा रही थी। सीओ ने तीन एम्बूलेंसों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती करके गंभीर घायलों को आनन फानन में ट्रामा सेंटर भिजवाया गया।

पुलिस न होती तो मर ही गए होते घायल

मालूम हो कि रामपुर मथुरा थानाक्षेत्र के ग्राम महिमापुर निवासी अबरार (35) पुत्र मासूम अली अपनी डिजायर कार से जुड़नापुर निवासी मो. सलीम (50) पुत्र बदलू, समनापुर निवासी गुड्डू (30) पुत्र आशिक अली, रेशमा (28) पत्नी गुड्डू, मजीद (03) पुत्र गुड्डू, कमरजहां (30) पत्नी रब्बानी, रोशनी (04) पुत्री रब्बानी, किस्मतुल (40) पत्नी मो. उवैश एक रिश्तेदारी में अंतिम संस्कार में शामिल होने शनिवार को बिसवां के महिमापुर गांव गए थे।

वहां से वापस आते समय इनकी कार को महमूदाबाद कोतवाली क्षेत्र के अतरौली गांव की मोड़ के पास एनएच 727 मार्ग पर सामने से आ रहे अनियंत्रित ट्रैक्टर ने टक्कर मार दी थी। दुर्घटना में कार में सवार आठ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए पुलिस की गाड़ी से आनन-फानन में सीएचसी महमूदाबाद लाया गया था। यहां बदइंतजामी चरम पर थी। इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक डॉ. अनवर घायलों के आते ही एक-एक बेड पर लिटाकर तथा कुर्सियां डालकर इलाज करने लगे।

इमरजेंसी वार्ड में चीख-पुकार मची थी किंतु अस्पताल के एक कमरे में साथियों संग बैठकर शराब पार्टी का लुफ्त उठा रहे अधीक्षक के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। घटना की जानकारी पाकर सीओ रवि शंकर प्रसाद सीएचसी जा पहुंचे। एक चिकित्सक द्वारा आठ-आठ गंभीर घायलों का इलाज किया जाता देख तीमारदार अन्य लोगों के साथ अधीक्षक को खोजने लगे। इसबीच सीएचसी के कोने में बने एक कमरे के बंद दरवाजे को मौजूद लोगों ने खुलवाया तो उसमें सीएचसी अधीक्षक डॉ. विवेक कनौजिया अपने साथियों संग शराब के साथ चिकन का आनंद ले रहे थे। लोगों का आक्रोश देखकर अधीक्षक कमरे से बाहर निकले और इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे। इमरजेंसी वार्ड के हालात रोंगटे खड़े कर देने वाले थे। एक-एक बेड पर दो-दो घायल, कुर्सी व फर्श पर घायलों का इलाज किया जा रहा था।

गंभीर हालत में तीन घायलों को जैसे ही ट्रामा सेंटर रेफर किया गया तो सीओ ने तीन एम्बुलेंस का आनन फानन में इंतजाम किया और हर एम्बुलेंस पर एक-एक आरक्षी भेजा। सीएचसी अधीक्षक के इस व्यवहार की चहुंओर निंदा हो रही है। जहां से प्राथमिक उपचार के बाद गंभीररूप से घायल गुड्डू, सलीम व किस्मतुल को लखनऊ के मेडिकल कालेज स्थित ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया। घटना के बाद टैक्टर चालाक मोके से फरार हो गया। वहीं जब इस बारे में एसडीएम महमूदाबाद मिभिलेश त्रिपाठी से जब वार्ता की गई तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है मामले केी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

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