सीतापुर : फलों से भरी डीसीएम टैक्सी पर पलटी, डीसीएम चालक की हुई मौत

सीतापुर। थाना सदरपुर क्षेत्र में शुक्रवार सुबह एक फलों से भरी तेज रफ्तार डीसीएम लकड़ी लदे ट्रैक्टर ट्राला से बचने के चक्कर में सड़क किनारे खड़े एक विक्रम व ट्रक में ठोकर मारते हुए पास खड़ी दूसरी विक्रम टैक्सी पर पलट गयी जिससे दोनों टैक्सियां क्षतिग्रस्त हो गयीं तथा डीसीएम चालक व खलासी वाहन में फंसकर दब गये जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गये। चालक की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।

जानकारी के अनुसार शुक्रवार सुबह लगभग पांच बजे नासिक से नेपाल जा रही फलों से लदी डीसीएम यू०पी०34 बी० टी० 8725 जब सदरपुर थाना अन्तर्गत बहराइच – सीतापुर मार्ग पर स्थित जहांगीराबाद कस्बे में पोस्ट आफिस के सामने पहुंची इसी बीच सामने से आ रहे भारी मात्रा में लकड़ी लादे ट्रैक्टर ट्राला के आ जाने से उससे बचने के चक्कर में सड़क किनारे बने गड्ढों से बचते हुए पहले सड़क की दूसरी ओर खड़े विक्रम टैंपो से टकराने के बाद ट्रक में टक्कर मारते हुए अचानक अनियंत्रित होकर सड़क के दाहिनी ओर खड़े सवारी ढोने वाले विक्रम टैंपो पर पलट गई जिससे डीसीएम चालक केबिन में ही दब गया तथा  टैक्सियां क्षतिग्रस्त हो गयीं। टैक्सियां जहांगीराबाद निवासी इकबाल पुत्र निजामुद्दीन व साकिर पुत्र नज़ीर की बताई जा रही हैं तथा विपरीत दिशा को सड़क किनारे खड़ा ट्रक जिन्हें लोग अवैध तरीकों से रात में सड़क किनारे खड़े कर घर चले जाते हैं जिससे रास्ता और संकरा हो जाता है। इसके अलावा सड़क के दोनों किनारों पर पीडब्ल्यूडी ने खुले नाले भी बना दिये हैं लोग अपने व्यवसाय के लिये लकड़ी के खोखे व दुकानें आदि रखकर रास्ते को और अतिक्रमित किये हुये हैं फिर भी किसी जिम्मेदार की नजर इस ओर नहीं जाती है। साप्ताहिक बाजार भी सप्ताह में दो बार सड़क के दोनों किनारों पर लगायी जाती है जिससे बाजार के दिन भारी जाम लगता है।

घटना अलख सुबह की होने के कारण सबसे पहले 112 डायल पुलिस ने मौके पर पहुंच गयी व हाइड्रा मशीन मंगवाकर तुरन्त चालक व खलासी को डीसीएम से बाहर निकाल कर रेउसा सीएचसी भेजवाया जहां कमलापुर थाना क्षेत्र के जमरखा गांव निवासी रंजीत पुत्र प्यारे लाल की इलाज के दौरान मौत हो गई तथा खलासी रोहित पुत्र शंकर निवासी रायमड़ोर थाना तम्बौर घायल हैं जिसका इलाज चल रहा है। डीसीएम मे लदे सामान को उतार दिया गया  डी सी एम को सदरपुर पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। 

दिन होता तो हो सकता था बड़ा हादसा।

दिन होता तो बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता था क्योंकि इसी जगह के आसपास अवैध रूप से टैक्सी स्टैंड संचालित है जहां दर्जनों ई-रिक्शा व विक्रम व अन्य प्रकार की टैक्सियां सवारियों के इंतजार में खड़े रहते हैं तथा घटना स्थल के आसपास सड़क किनारे दर्जनों दुकानें भी हैं जिन पर ग्राहक मौजूद रहते हैं।अगर यह घटनाक्रम दिन में होता तो काफी जानें जा सकती थीं।

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