सीतापुर। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के बाद नजूल भूमि को लेकर डीएम बेहद सख्त हो उठे है। उन्होंने नजूल भूमि से संबंधित सभी दस्तावेजों को मंगाया है। जिससे वह जान सके कि शहर में ऐसी कौन-कौन सी जमीनें हैं जो नजूल यानि की सरकारी हैं और उन पर कब्जा है अथवा उनकी वर्तमान स्थित क्या है। इसको लेकर उन्होंने आज सिटी मजिस्ट्रेट तथा मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के अवर अभियंता एमके मिश्रा विनियमित क्षेत्र को दिशा निर्देश भी जारी किए हैं और लगातार निरीक्षण कर नजूल भूमि पर निगाह रखने को आदेशित किया है।
बताते चलें कि नजूल भूमि को लेकर मुख्यमंत्री बेहद सख्त है। मुख्यमंत्री नजूल भूमि से अवैध कब्जों को हटाए जाने का फरमान जारी कर चुके है। मुख्यमंत्री के निर्देश होने के बाद प्रदेश के सभी जिले चैकन्ने हो उठे है। इसी क्रम में जिलाधिकारी अनुज सिंह ने भी नजूल भूमि को लेकर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। जो भी मामले पेंडिग में हैं उन्हें निपटाने में जुट गए है। इसी क्रम में उन्होंने नजूल भूमि से संबंधित सभी फाइलों को तो तलब ही किया है साथ ही उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट तथा मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के अवर अभियंता एमके मिश्रा विनियमित क्षेत्र को दिशा निर्देश भी जारी किए है।
उन्होंने सीधे तौर पर कहा है कि आप लोग बाहर निकल कर नजूल की भूमि का निरीक्षण करे। कहीं भी अवैध निर्माण आदि हो रहे हों तो उन पर तत्काल रोक लगाए और विधिक कार्रवाई भी करें। उन्होंनपे कहा कि इस बारे में कोई भी लापरवाही नहीं होनी चाहिए। नजूल भूमि की जमीनें चिन्हित की जाएं तथा कहां पर किसके कब्जे हैं जानकारी कर बताया जाए। जहां भी गड़बड़ी मिले तत्काल सूचना दें जिससे उस पर कार्रवाई की जा सके।
30 जून की कार्रवाई के बाद मचा हड़कंप
आपको बताते चलें कि डीएम अनुज सिंह ने बीती 30 जून को शहर के अंदर नजूल भूमि के तीन गाटाओं पर काबिज नाम को निरस्त कर दिया था। जिसके बाद से नजूल भूमि पर काबिज भू-माफियाओं में हड़कंप की स्थित देखने को मिल रही है। जानकारी हो कि 30 जून 2023 के द्वारा नान जेड ए ग्राम छावनी कदीम जो आज मोहल्ला सिविल लाइन के नाम से जाना जाता है में स्थित नजूल भूखंड संख्या 1475 क्षे. 13 बीघा 14 बिसुआ 9-18/20 बिस्वासी राजस्व भूखंड गाटा संख्या 588/0.142, 571/2.541, 572/2.946 पादरी चर्च मिशन जेर इंतजाम मैनेजर मिशन जिसकी जमींदार सरकार कैसर हिंद बहादुर हैं, का नाम निरस्त कर राज्य सरकार के पक्ष में नियंत्रण में लेकर सार्वजनिक उपयोग हेतु वापस लिए जाने का निर्णय लिया गया है। डीएम के इस आदेश के बाद हड़कंप मचा हुआ है।