बेहटा-सीतापुर। बीती रात से लगातार हो रही बारिश के साथ तेज हवाओं ने जहां एक तरफ मौसम को सुहाना कर दिया है वहीं दूसरी तरफ किसान बेहाल हो गये है। गुरुवार की रात से क्षेत्र में लगातार तेज बारिश के साथ तेज हवाओं के चलने से गन्ना, धान व उड़द की फसलें तबाह हो गयी है। इन फसलों की बारिश से नम हुई जड़ों को तेज हवाओं ने पलट दिया जिसके कारण गन्ना व धान की फसलें गिर गयी है और उड़द की फसल में निकल रहे फूल हवाओं से बर्बाद हो गये जिससे इन तीनों फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है।
किसानों का कहना है कि गन्ना व धान की फसलें धराशायी हो जाने से पैदावार को नुकसान पहुंचा है। कुछ दिन पूर्व आई बाढ़ की आपदा से किसान ठीक से उबर भी नहीं पाये थे कि कुदरत की दूसरी मार ने उन्हें बेहाल कर दिया है। आपको बताते चलें पिछले दिनों क्षेत्र में शारदा नदी में आई भीषण बाढ़ से सैकड़ों बीघा फसल को जलभराव के कारण नुकसान पहुंचा था।
बाढ़ की चपेट में आये लगभग दो दर्जन गांव बाढ़ का दंश झेल चुके है जिससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। किसान सुनील ने बताया मेरे खेत में लगी पांच बीघा धान की फसल मूसलाधार बारिश व तेज हवाओं के कारण गिर गयी है जिससे काफी नुकसान होने का अनुमान है। किसान वकील अहमद ने बताया दस बीघा खेत में लगी गन्ने की फसल गिर गयी है। जिससे काफी नुकसान हो गया है। नरेंद्र प्रताप ने बताया खेत में उड़द की फसल फूल पर थी बारिश व तेज हवाओ के कारण फूल झड़कर गिर गया है। इसके कारण उड़द की फसल को काफी नुकसान हुआ है।
33 के.वी. विधुत लाइन टूट जाने से सप्लाई बंद
बारिश व तेज हवाओं के कारण लहरपुर तंबौर मुख्य मार्ग पर सुलतानापुर गांव के पास 33 के.वी. विधुत लाइन टूट जाने से कस्बा तंबौर सहित पॉवर हॉउस से जुड़े तमाम गांवों की विधुत सप्लाई 12 घंटों से बन्द है जिससे उपभोक्ताओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। विधुत सप्लाई न मिलने से दर्जनों प्लाईवुड उधोग भी बन्द रहे। जिससे इस उधोग से जुड़े लोगों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा।
मार्गों पर पैदा हुई जलभराव की समस्या
गुरुवार रात से हुई मूसलाधार तेज बारिश से कस्बे के तमाम मार्गों पर जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गयी। कस्बे के मुख्य चौराहे से पुरानी बाजार जाने वाले मार्ग सहित सरकारी अस्पताल के सामने से सिर्स टोला जाने वाली सड़क जलमग्न हो जाने से लोगों को निकलने में काफी दुश्वारियों का सामना करना पड़ा। हल्की बारिश होने पर भी कस्बे में जलभराव जैसी समस्या बन जाती है।