सीतापुर। मनारेगा के तहत पक्के कार्य कराए जाने पर जिलाधिकारी अभिषेक आनंद के द्वारा अगस्त माह में रोक लगा दी गई थी उसके बावजूद भी विकासखंड एलिया में चार पक्के कार्य कराए गए है। जिलाधिकारी के आगस्त माह में जारी किए गए आदेश के बाद यह पहला ब्लाक है जिसने उनके आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए लाखों के चार पक्के कार्य करा डाले।
आपको बताते चलें कि मनरेगा में पुराने बकाया भुगतान की अधिकता को देखते हुए जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने बीते माह अगस्त में एक आदेश पारित किया था कि मनरेगा के तहत कोई भी पक्के कार्य नहीं कराए जाएंगे। इसके पीछे का कारण मनरेगा में पुराने भुगतान के बकाया की अधिकता तथा श्रम सामग्री का अनुपात बना रहना है।
इसके पीछे का उद्देश्य पक्के कार्यो पर रोक लगाना था। उन्होंने निर्देश दिए थे कि उनकी बिना अनुमति के कोई भी पक्के कार्य स्वीकृत नहीं किए जाएंगे। इसी के साथ-साथ आरईडी के अधिशाषी अभियंता को भी तकनीकि स्वीकृति देने पर रोक लगाई थी लेकिन विकास खंड ऐलिया के बीडीओ ने सारे नियमों और आदेशों को दरकिनार करते हुए ब्लाक के ग्राम पंचायत सोहई तथा गोड़वा साहबगंज में चार पक्के इंटरलांिकंग के कार्य करा डाले।
प्रशासन से की गई शिकायत के तहत ग्राम पंचायत सोहई में बृजराज के मकान से हसमी के मकान तक इंटरलांकिंग कार्य, बृजराज के ही मकान से देवतीदीन के मकान तक इंटरलांकिंग, विजय के मकान से हरिहर के मकान तक इंटरलांकिंग का कार्य कराया गया है। अब इसमें भी एक गौर करने वाली बात यह है कि ग्राम पंचायत सोहई में जो तीन इंटरलांकिंग का कार्य दिखाया गया है
वह दरअसल एक ही इंटरलांकिंग है। इसके पीछे का कारण यह है कि डीएम ने आरईडी विभाग को पक्के कार्यो की तकनीकि स्वीकृति देने से मना किया जिस पर खंड विकास अधिकारी ने इस सड़क को तीन भाग में बांट कर बना दिया क्योंकि चार लाख तक का कार्य वह स्वयं करवा सकते हैं इसलिए उन्होंने इस बड़े बजट की इंटरलांकिंग को आरईडी ना भेज कर तीन भागों में बांट दिया और खुद ही पास कर बनवा डाला जो कि जिलाधिकारी के आदेशों का खुला उल्लंघन है।
इसके अलावा गोड़वा साहबगंज में विजय के मकान से हरिहर के मकान तक इंटरलाकिंग कार्य कराया गया है। अब देखना यह है कि जिलाधिकारी के आदेशों का उल्लंघन करने वाले इस खंड विकास अधिकारी एलिया के खिलाफ कार्रवाई की जाती है या फिर तत्कालीन महमूदाबाद के बीडीओ श्रीष गुप्ता की तरह इन्हें भी अभयदान मिलेगा। इस बारे में जब जिलाधिकारी से वार्ता करनी चाही गई तो उनके बैठक में होने की वजह से उनसे वार्ता नहीं हो सकी। वहीं जब सीडीओ निधि बंसल से वार्ता की गई तो उन्होंने कहा कि चारों कार्यों की स्वीकृति दी गई है। चूंकि यह सभी कार्य सामाजिक सरोकार से जुड़े हैं इसलिए इन कार्यो को कराया गया है।