सीतापुर : ट्रांसफार्मर के नाम पर डेढ़ साल से पहाड़ा पढ़ा रहा विद्युत विभाग

सीतापुर। मछरेहटा में वैसे तो विद्युत विभाग की कार्यशैली पूरे जनपद में लचर है। जनपद के ग्रामीण इलाकों की बात कर ले तो उन्हें विद्युत आपूर्ति बमुश्किल 2 से 3 घण्टे ही मिल पा रही है और ऊपर से थोड़ी बूंदाबांदी हो जाये फिर क्या कहने। हफ्तों तक ग्रामीण इलाकों में बिजली नही पहुंचती क्योकि विभाग के तार व खम्भे थोड़ी से हवा में ही गिर जाते है। हवा चली की समझो बिजली गई। बताते चले कि पिछले वर्ष जुलाई माह में किसानों, व्यपारियो व आम जनता ने आपूर्ति न मिलने के कारण मछरेहटा का पॉवर हॉउस घेरा तो तत्कालीन विभागीय अधिकारी गर्मियों में हाफते-हाफते मछरेहटा पहुंचे जिनमे एक्सईएन नंदलाल, मिश्रिख उपजिलाधिकारी गौरव रंजन श्रीवास्तव, क्षेत्राअधिकारी मिश्रिख सुशील कुमार यादव, एसडीओ धुसिया, जेई समित कुमार जनता से मान मनौव्ल करके एक माह के भीतर 10 एमवीए का ट्रांसफार्मर रखने का आश्वाशन दिया था जिससे ग्रामीणों ने स्वीकार कर धरना समाप्त किया था लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी विभाग ट्रांसफार्मर न लगवा पाया।

हवा चलने पर ही काट दी जाती है लाइट

जब मछरेहटा में विद्युत व्यवस्था बिल्कुल चरमरा गई है। कस्बे व ग्रामीणों को महज 4 घण्टे ही सप्लाई मिल रही थी तो अगस्त 2023 माह में एक अनिश्चित कालीन धरना शुरू किया। जिस दिन धरना शुरू हुआ उसी दिन शाम को मजिस्टेªट नायब तहसीलदार योगेश बाजपेयी मौके पर पहुंचे जनपद के अधीक्षण अभियंता ने ग्रामीणों को एक लिखित पत्र सौपा कि आपका 10 एमवीए का ट्रांसफार्मर एक माह के अंदर लग जायेगा। ग्रामीण तब भी नही माने तो अधीक्षण अभियंता ने हाथ से लिख कर दिया कि आप धरना समाप्त करे आपका ट्रांसफार्मर एक माह में लग जायेगा। विडम्बना यह है कि धरना दिए हुए तीन माह गुजर गए है लेकिन विभाग अभी भी ट्रांसफार्मर नही लगा सका। जब कभी भी कोई जानकारी लेता है तो कोई भी ठोस जवाब जिले के अधिकारियों के पास नही है।

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