सीतापुर पत्रकार हत्याकांड : शूटरों ने कार्बाइन और पिस्तौल से पुलिस पर दागी थी ताबड़तोड़ गोलियां

सीतापुर पत्रकार हत्याकांड : दैनिक भास्कर के पत्रकार की हत्या में जो दो शूटर पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराए गए हैं। उन्होंने पुलिस पर कार्बाइन और पिस्तौल से ताबड़तोड़ गोलियां दागी थी, लेकिन सुरक्षा कवच पहने होने की वजह से सभी बाल बाल बच गए। अब सवाल या उठता है कि यह कार्बाइन इन दोनों हत्यारे के पास से कहां से आई।

आपको बताते चलें कि आज रात को एसटीएफ, एसओजी तथा पुलिस टीम को मुखबिर ने सूचना दी की पत्रकार राघवेंद्र हत्याकांड के दोनों शूटर थाना पिसावा क्षेत्र में मौजूद है। पुलिस ने इन दोनों को पकड़ने के लिए तत्काल घेराबंदी की चुकीं कि हत्यारे काफी शातिर थे इसलिए पुलिस कर्मियों ने बुलेट प्रूफ जैकेट पहन लिया था। जलाला पुर चौराहे से माहोली मार्ग दुल्हापुर के पास पुलिस ने इन दोनों बदमाशों को घेर लिया। पुलिस ने जब इन्हें ललकार तो इन दोनों ने ताबड़तोड़ गोलियां शुरू दागिनी शुरू कर दी जिस पर कार्बाइन से और पिस्टल से चलाई गई कई गोलियां पुलिस कर्मियों के बुलेट प्रूफ जैकेट पर लगी है।

8 मार्च को हुई थी राघवेंद्र की हत्या

बताते चले कि 8 मार्च को सीतापुर के हेमपुर ओवरब्रिज पर पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद से आरोपी फरार चल रहे थे, जिन पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित था।

घटनाओं को अंजाम देकर निकल जाते थे दोनों हत्यारे

बताया जाता है मुठभेड़ में जो दोनों हत्यारे मारे गए हैं। वह दोनों सगे भाई थे। यह दोनों अपने नाम बदलकर रह रहे थे। और इन दोनों के पास एक हिंदू नाम से तथा दूसरा विशेष धर्म के नाम से आधार कार्ड बने हुए थे। जहां जैसा प्रयोग होना था उसी आधार पर अपने आधारों का प्रयोग करते थे। यह लोग बेहद ही शातिर किस्म के अपराधी थे।

सूत्र बताते हैं कि इन दोनों ने पूर्व में भी कई घटनाओं को अंजाम दिया था क्योंकि यह लोग मोबाइल का प्रयोग नहीं करते थे इसलिए पकड़े नहीं जाते थे और घटनाओं को अंजाम देकर जिला ही नहीं बल्कि प्रदेश छोड़कर गैर प्रदेशों में जाकर रहने लगते थे। पहचान असली ना होने से इन्हें पकड़ना आसान नहीं होता था।

दोनों सगे भाई है शूटर

पुलिस के अनुसार मारे गए बदमाश सगे भाई थे, जो पहचान छिपाकर राजू उर्फ रिजवान और संजय उर्फ अकील पुत्र कृष्ण गोपाल के नाम से रह रहे थे। या दोनों हत्यारे मिश्रिख थाना क्षेत्र के निवासी होना बताए जाते हैं।

मेल खा रहे हैं हत्यारे शूटरों के चेहरे

पुलिस के पास पहले से सीसीटीवी फुटेज और स्केच मौजूद थे, जिनके आधार पर यह कार्रवाई की गई।

पत्रकार हत्याकांड में पूर्व में जा चुके हैं तीन लोग जेल

इससे पहले पुलिस ने हत्याकांड में पुजारी शिवानंद तिवारी, असलम गाजी और निर्मल सिंह को गिरफ्तार कर मुख्य साजिश का खुलासा किया था। हालांकि, शूटरों की गिरफ्तारी बाकी थी।

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