सीतापुर। शहर के चारो तरफ हो रही प्लाटिंग की सच्चाई जानने के लिए शासन ने निर्देश दिए है। होने वाली प्लाटिंग के कागजातों की स्थित क्या है इसको लेकर शासन ने जो फरमान जारी किया है उसके आधार पर डीएम अनुज सिंह ने अधीनस्थों को आदेश दिया है कि शहर के अंदर तथा बाहर जहां-जहां भी प्लाटिंग हो रही हैं उनके असली कागजात मंगवाकर उनकी जांच की जाए। बताते चलें कि अक्सर प्लाटिंग को लेकर डीएम से लेकर सीएम तक पोर्टल तथा लिखित रूप से रजिस्ट्री के माध्यम से शिकायतें होती रहती है। शिकायतों में अनेकांें मामले ऐसे भी सामने आते हैं जिनमें फर्जी रूप से भी प्लाटिंग करा दी जाती है।
शासन के निर्देश पर डीएम ने अधिनस्थों को दिए जांच के आदेश
मसलन कभी-कभी जमीन बिक्री के लिए दिखाई जा रही है दो-चार बीघा जबकि प्लाटिंग हो रही दसों बीघा पर। ऐसे अनेकों मामले डीएम के यहां आते रहते है। कभी-कभी तो डीएम कार्यालय के बाहर दोनों पक्षों में लड़ाइयां तक हो जाती है। इन सभी मामलों को लेकर शासन ने एक अभियान चलाकर प्लाटिंग करने वालों की सच्चाई जानने के निर्देश दिए है। निर्देश में कहा गया है कि जिलों में जहां भी जो भी प्लाटिंग हो रही हैं उनके कागजातों को मंगाकर उनकी सच्चाई जानी जाए। संबंधित प्रशासनिक अधिकारी मौके पर जाए और कागजातों के आधार पर हो रही प्लाटिंग की सच्चाई जाने। अगर प्लाटिंग के कागजात तथा होने वाली प्लाटिंग नियमानुसार की जा रही है तब तो ठीक अन्यथा नियमानुसार कागजात के तहत कार्य न पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाए।
सीतापुर शहर के चारो तरफ हो रही प्लाटिंग
अगर हम बात अपने ही जिले की करें और अपने शहर सीतापुर की करें तो शहर से बाहर की ओर जाने वाली ऐसी कोई सड़क नहीं है जिस पर दो-चार प्लाटिंग न होती मिले। अब इन प्लाटिंगों में क्या कमियां है और क्या नहीं यह तो जांच का विषय है और जब अधिकारी मौके पर जाएंगे तो खुद व खुद पोल पटटी खुल जाएगी। उदाहरण के ही तौर पर बता दें कि शहर के गल्ला मंडी के सामने होने वाली प्लाटिंग में कई खामियां पाई थी जिसके बाद से उस पर रोक लगा दी गई थी।