सकरन-सीतापुर। विकासखंड सकरन क्षेत्र के अंतर्गत इन दिनों मनरेगा योजना में बड़े पैमाने कमीशन खोरी को लेकर किया जा रहा भ्रष्टाचार क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। वही मामले को लेकर क्षेत्र के समाजसेवी वीरेंद्र कुमार मिश्रा ने मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश व जिलाधिकारी सीतापुर को पत्र भेजकर जांच कराएं जाने की मांग की है।
मानकों को ताक पर रखकर अपात्रों को दिए जा रहे गोट सेट कैटेल सेट
ज्ञात हो कि सकरन में दो खंड विकास अधिकारियों के तैनात होने के चलते विकासखंड सकरन में मनरेगा की कमान खैराबाद के खंड विकास अधिकारी चंद्रभान संभाल रहे जबकि अन्य प्रशासनिक मदो का चार्ज हाल ही में महमूदाबाद से प्रोन्नत होकर आए खंड विकास अधिकारी राम लगन वर्मा देख रहे हैं। क्षेत्र के ही एक जनप्रतिनिधि ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की 11 जुलाई 2022 को जब से खैराबाद के खंड विकास अधिकारी चंद्रभान ने विकासखंड में मनरेगा का चार्ज संभाला है तब से विकासखंड सकरन ने अनियमितता और भ्रष्टाचार के मामले में सारी मर्यादाओं को पार कर दिया है।
जनप्रतिनिधियों का कहना है कि मनरेगा योजना के अंतर्गत स्टीमेट पास कराने में खंड विकास अधिकारी की ओर से पहले ही तीन से पांच परसेंट का चढ़ावा मांगा जाता है तत्पश्चात यदि किसी तरीके से व्यवस्था करके स्टीमेट पास भी करा ले तो बिल बाउचर फीड कराने के समय प्रति फाइल के हिसाब से 5 हजार का अतिरिक्त चढ़ावा चढ़ाया जाता है। इन सबके बाद कई-कई महीनों इंतजार करने के बाद जब पेमेंट कराने की बारी आती है तो पेमेंट उसी व्यक्ति का किया जाता है जो 10 परसेंट एडवांस देने में सक्षम हो।
लोगों का यह भी कहना है की मनरेगा योजना से बड़े पैमाने पर कैटल सेट व गोट सेट अपात्रों को देते हुए ठेकेदारी प्रथा से काम करवाया जा रहा है जबकि पात्र लोगों को कमीशन खोरी के चलते योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है। समाजसेवी वीरेंद्र मिश्रा ने मनरेगा का कार्य देख रहे खंड विकास अधिकारी चंद्रभान के कार्यकाल मे अपात्रों को वितरित हुए कैटल सेट व गोट सेट में बड़े पैमाने पर कमीशन खोरी को लेकर किए गए भ्रष्टाचार की जांच कराने की मांग की है।
क्या कहते हैं अधिकारी
मामले को लेकर खंड विकास अधिकारी मनरेगा चंद्रभान से बात की गई तो उन्होंने बताया कि लगाए गए आरोप निराधार हैं आरोप तो कोई भी व्यक्ति लगा सकता है।
वहीं जिला विकास अधिकारी हरीश चंद्र प्रजापति ने बताया कि यदि ऐसा है तो प्रकरण बेहद गंभीर है हालांकि मुझे इस शिकायती पत्र के संदर्भ में अब तक कोई सूचना नहीं मिली है। डीसी मनरेगा के स्तर का मामला है हो सकता है उनको जानकारी हो।
मामले को लेकर डीसी मनरेगा सुशील श्रीवास्तव से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि ऐसी जानकारी नहीं है अगर ऐसा है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी और दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।