बिसवां(सीतापुर)। पहले होली,दिवाली और अब रक्षाबंधन का पर्व मनरेगा मजदूर खाली हाथ मनाएंगे क्योंकि अब त्योहारों पर भी मनरेगा मजदूरों को मजदूरी का भुगतान नहीं मिल पाता है।
मनरेगा मजदूर राजकुमार,बाबूराम, रामनाथ,सर्वेश,जगमोहन, सूरज,सेवकराम,संतू,रामू, राजू बनवारी हरीश सम्बारी,रामदास,जयराम, मेवालाल,लक्ष्मीकांत,कमलेश,रामकिशोर, जगतपाल,संजय,सरवन दयाराम,रामदयाल, शिवनाथ,रामपाल,दिनेश, उषादेवी,रामदेवी,महाराजा,शिवदेवी,कमला देवी, रामप्यारी,जानकी,मनोहर,दयाल,आदि ने बताया कि वह परिवार का भरण पोषण करने के लिए गांव में नरेगा से होने वाले कामों में मजदूरी करते हैं। लेकिन पिछले एक साल से अब कभी भी उन्हें समय से मजदूरी का बकाया पैसा नहीं मिलता है।
यहां तक तीज त्योहार पर भी पैसा ना मिलने से त्यौहार की खुशियां जहां अधूरी रह जाती हैं। वहीं बच्चों को नए कपड़े और जरूरी चीजें भी नहीं मिल पाती। वैसे अब तो तमाम मजदूरी करने वाले गांव के लोग मनरेगा में समय से मजदूरी का पैसा ना मिलने के कारण गांव छोड़कर शहरों में काम पाने के लिए जाने लगे हैं।
इस बारे में जब डीसी मनरेगा जितेंद्र मिश्रा से वार्ता की गई तो उन्होंने कहा कि शासन द्वारा पैसा आते ही सभी मजदूरों के खाते में भेजा जाएगा और जो भी अभी तक पैसा आया है वह मजदूरों के खाते में भेजा गया है।