सीतापुर: चक्रतीर्थ की सीढ़ियों पर लगी काई, फिसलकर गिर रहे श्रद्धालु

नैमिषारण्य-सीतापुर। एक तरफ जहां प्रदेश सरकार नैमिषारण्य तीर्थ को ‘कॉरिडोर परियोजना’ के माध्यम से सजाने-संवारने पर पूरा फोकस कर रही है वहीं दूसरी तरफ तीर्थ भूमि के प्रमुख धर्म स्थल चक्रतीर्थं पर व्याप्त अव्यवस्थाएं तीर्थ की बदरंग छवि को चाहे-अनचाहे रूप में देश-विदेश के श्रद्धालुओं के सामने प्रस्तुत कर रही हैं। तीर्थ की सीढ़ियों की हालत ऐसी है कि यहां साफ-सफाई के अभाव में फिसलन ‘काई’ की मोटी परत जम चुकी है

जिसके चलते आये दिन यहां श्रद्धालु फिसलकर चोटिल हो रहे है। बीती 7 जुलाई को ही फर्रूखाबाद निवासी अनूप अग्रवाल तीर्थ की सीढ़ियों पर फिसलकर गिर पड़े थे जिससे उनके पैर में फ्रेक्चर हो गया था। ऐसे कई प्रकरण बीते महीनों में तीर्थ परिसर पर आम हो चुके है। ऐसी घटनाओं के चलते देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु यहां तीर्थ की व्यवस्थाओं को कोसते हैं। वहीं स्थानीय लोग इसका ठीकरा प्रशासन पर फोड़ते नजर आते हैं जबकि यहां ये स्थिति तब है जब चक्रतीर्थ परिसर से ही तहसील प्रशासन को प्रतिवर्ष लाखों रुपए की आए ठेके से प्राप्त होती है वहीं ऐसा नहीं है कि जनप्रतिनिधि/अधिकारी इस बात से अंजान है पर पता नहीं क्या मजबूरी है कि तीर्थ पर व्यवस्थाओं के दौर की वापसी नहीं हो पा रही है।
व्यवस्था सुधारने श्रद्धालु बना ‘खेवनहार’
तीर्थ परिसर और तीर्थ की सीढ़िया पर ऐसी गंदगी देख झालावाड़ राजस्थान निवासी मांगीलाल सेन का मन द्रवित हो गया और वे पिछले 2 महीने से अपनी पत्नी बद्रीबाई के साथ सुबह 4 बजे से हर दिन तीर्थ की सीढ़ियों पर साफ-सफाई कर रहे है।

मांगीलाल ने बताया कि वह पिछले कई वर्षों से नैमिषारण्य तीर्थ आते रहते हैं। तीर्थ परिसर पर गंदगी और सीढ़ियों पर काई देखकर मन विचलित हो गया फिर मैंने यहीं पर रहकर तीर्थ की सेवा करने की ठान ली तब से पिछले दो महीने से बड़ा धर्मशाला में प्रवास कर रहा हूँ और हर दिन सुबह 4.30 बजे आकर तीर्थ की सेवा में जुट जाता हूं मैं और मेरी पत्नी पहले झाड़ू से पूरे परिसर को साफ करते हैं उसके बाद वाईफर से तीर्थ की सीढ़ियों को साफ कर देते हैं जिससे श्रद्धालुओं को तीर्थ की सीढ़िया पर गंदगी से दो-चार ना न होना पड़े।

नही उठता है एसडीएम साहब का फोन प्रकरण के बारे में जब एसडीएम मिश्रित पंकज सक्सेना की सीयूजी नम्बर पर बात कर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया तो न हीं कॉल उठी और न हीं कॉल बैक आया। जबकि शासन की तरफ से स्पष्ट निर्देश है कि अधिकारियों के सीयूजी फोन पर कॉल रिसीव होनी चाहिए वैसे भी क्षेत्र के लोगों का अक्सर यही कहना रहता है कि एसडीएम साहब का सीयूजी फोन नहीं उठता है।

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