सीतापुर। जिले की एसओजी टीम अगर थोड़ी भी ढ़िलाई कर दे तो ना जाने कितने मामलों को पुलिस ऐसे हजम कर जाए जैसे कुछ हुआ ही ना हो। उदाहरण के तौर पर अभी बीते दिनों जनपद में गांजा प्रकरण को ही ले लीजिए। पुलिस पूरे मामले को ही हजम कर जाना चाहती थी मगर एसओजी टीम की वजह से भंडा फूट गया।
ठीक इसी तरह से केपी सिंह मेमोरियल इंस्टीट्यूट में 15-16 जुलाई में फार्मेसी की परीक्षा में पकड़ी गई भारी गड़बड़ी को 24 घंटा तक पुलिस दबाए रही। यहां तक सीओ लहरपुर कहते थे कि मामला उनकी जानकारी में ही नहीं। खबर सुर्खियों में आने के बाद तालगांव पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज किया मगर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ लकीर ही पीट रही थी।
वहीं इस मामले में गुप्त रूप से कार्रवाई में जुटी एसओजी की टीम ने इसका भी भांडा फोड़ दिया। इसमें भी जानकारी मिली है कि एसओजी टीम द्वारा गुरूवार को ही इसकार भांडा फोड़ दिया था फिर भी पुलिस इसे दो दिन तक दबाए बैठे रही।
बता दें कि फार्मेसी की परीक्षा लीक मामले में पुलिस ने टीसीएस अधिकारी सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिले की एसओजी टीम इनसे पूछताछ कर रही है। सीतापुर के केपी सिंह मेमोरियल इंस्टीट्यूट में 15-16 जुलाई में फार्मेसी की परीक्षा आयोजित थी। परीक्षा के पहले दिन ही पेपर लीक हो गया। जिसको लेकर जिले के तालगांव थाना में पुलिस ने अभियोग दर्ज करते हुए कुछ आरोपियों को जेल भेजा। उसी की जांच जिले की एसओजी टीम कर रही थी।
शुक्रवार सुबह पुलिस ने शहर के नेपालापुर- बिजवार मार्ग पर स्थित ओवरब्रिज के नीचे से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। एसओजी टीम के मुताबिक, भागने की फिराक में पकड़े गए आरोपियों की पहचान टाटा कंसल्टेंसी (टीसीएस) के तीन अधिकारी उत्कर्ष मिश्रा, अंकित श्रीवास्तव और गौरव राजवंशी के रूप में हुई है।
गिरफ्तारी में केपी सिंह मेमोरियल इंस्टीट्यूट में कार्यरत कर्मी अमित मिश्रा भी गिरफ्तार किया गया। सभी पर उप्र सार्वजनिक परीक्षा समुचित साधनों का निवारण अध्यादेश के तहत केस दर्ज हुआ। पकड़े गए चारों आरोपी कोतवाली नगर क्षेत्र के निवासी हैं। इनसे पूछताछ की जा रही है। आरोपियों के कब्जे से परीक्षा लीक कराने के दौरान इस्तेमाल मोबाइल सहित अन्य सामान बरामद हुआ है।