सीतापुर। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए जलशक्ति अभियान के तहत कैच द रैन अभियान के अन्तर्गत जिले के अधिकारियों को जल संरक्षण के विषय में संबोधित किया। उन्होने कहा कि वर्तमान परिवेश में हमारी धरती के नीचे मौजूद पीने वाले जल का लेबिल घटता ही जा रहा है। जिसे समय रहते सुधारा ना गया तो आने वाले समय में दुनिया जल संकट से जूझेगी।
घटते जलस्तर को बचाने के लिए हमें इसकी सुरक्षा करनी होगी। इसके लिए हम सभी को पानी कम बर्बाद करना होगा साथ ही वर्षा के दौरान नालियों व सडकों पर बह कर बर्बाद हो जाने वाले जल को संरक्षित करना होगा। इसके लिए छतो से निकलने वाले पानी को जमीन के अन्दर ले जाता होगा। इसके लिए विभिन्न उपायों को अपनाना होगा। भविष्य में जल की कमी की समस्या को सुलझाने के लिये जल संरक्षण ही जल बचाना है।
भारत और दुनिया के दूसरे देशों में जल की भारी कमी है जिसकी वजह से आम लोगों को पीने और खाना बनाने के साथ ही रोजमर्रा के कार्यों को पूरा करने के लिये जरूरी पानी के लिये लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। जबकि दूसरी ओर, पर्याप्त जल के क्षेत्रों में अपने दैनिक जरुरतों से ज्यादा पानी लोग बर्बाद कर रहें हैं। हम सभी को जल के महत्व और भविष्य में जल की कमी से संबंधित समस्याओं को समझना चाहिये। हमें अपने जीवन में उपयोगी जल को बर्बाद और प्रदूषित नहीं करना चाहिये तथा लोगों के बीच जल संरक्षण और बचाने को बढ़ावा देना चाहिये।