सीतापुर। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत सोमवार को लहरपुर सीएचसी पर आयोजित एक सादे समारोह में सीएचसी अधीक्षक डॉ. अरविंद बाजपेयी ने 25 क्षय रोगियों को गोद लिया। गोद लिए गए इन सभी टीबी रोगियों को उन्होंने सामुदायिक सहभागिता के तहत पोषक आहार किट (पोषण पोटली) भी प्रदान की।
इस मौके पर उन्होंने निजी चिकित्सकों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, स्वैच्छिक संगठनों, राजनीतिक दलों आमजन सहित सीएचसी के चिकित्साधिकारियों एवं सभी स्वास्थ्य कर्मियों से अपील कि है कि वह टीबी रोगियों को गोद लेकर टीबी के खात्मे के साझा प्रयास में अपना योगदान दें और निक्षय मित्र बनकर क्षय रोगियों को स्वस्थ बनाने में सहयोग करें।
सीएचसी अधीक्षक ने बताया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय क्षय रोग रोगियों को गोद लेने की योजना संचालित कर रही है। इस योजना के तहत कोई भी स्वयंसेवी संस्था, औद्योगिक इकाई या संगठन, राजनीतिक दल या कोई व्यक्ति टीबी मरीज को गोद ले सकता है, जिससे उसका समुचित इलाज हो सके। इस योजना को ‘अडॉप्ट पीपल विद टीबी’ का नाम दिया गया है।
प्रदेश में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा वर्ष 2019 में टीबी मरीजों को गोद लेने की मुहिम शुरू की गई। राज्यपाल के आह्वान के बाद टीबी से मुक्ति दिलाने के लिए लोग तेजी से मरीजों का हाथ थाम रहे हैं। वो रोगियों को पोषण सामग्री उपलब्ध कराने के साथ उपचार में उनकी मदद भी कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि निक्षय पोषण योजना के तहत निक्षय पोषण पोर्टल पर पंजीकरण के बाद टीबी रोगियों को प्रतिमाह 500 रुपए पोषण भत्ता के रूप में दिए जाते हैं। यह धनराशि सीधे मरीजे के बैंक खाते में भेजी जाती है। जिससे कि मरीज पौष्टिक खानपान कर सके। उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार की ओर से 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने की योजना है।