
- उ.प्र. विधान परिषद की दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति के अध्ययन भ्रमण कार्यक्रम के तहत हुई बैठक
सीतापुर। उ.प्र. विधान परिषद की दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति के अध्ययन भ्रमण कार्यक्रम के अन्तर्गत कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक की अध्यक्षता दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति के सभापति/सदस्य विधान परिषद ईंजी. अवनीश कुमार सिंह द्वारा की गयी। इस दौरान सदस्यगण उमेश द्विवेदी, अंगद सिंह, राम सूरत राजभर, मो. जासमीर अंसारी भी उपस्थित रहे। बैठक के दौरान संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा दैवीय आपदाओं के संबंध में विभाग द्वारा किये गये कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया गया तथा भविष्य में दैवीय आपदाओं से बचाव हेतु किये जाने वाले प्रयासों के संबंध में समिति द्वारा पूछे गये प्रश्नों का उत्तर भी दिया गया।
सभापति/सदस्य विधान परिषद ईंजी. अवनीश कुमार सिंह ने सभी को प्रेरित करते हुये कहा कि आपदाओं के विषय में पहले से तैयारी और व्यापक जन-जागरूकता के माध्यम से क्षति एवं हानि को कम किया जा सकता है तथा बेहतर प्रबंधन, संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता तथा कुशल नेतृत्व से आपदा आने पर प्रभावितों को त्वरित राहत दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री की मंशा है कि तकनीकी का व्यापक प्रयोग करके क्षति एवं जनहानि को कम करने हेतु प्रयास किया जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी विभाग दैवीय आपदाओं से बचाव के संबंध में व्यापक रूप से जन-जागरूकता प्रसारित करना सुनिश्चित करें।
आपदा के संबंध में जनपद स्तर पर कन्ट्रोल रूम अनवरत संचालित किये जाने एवं इसका विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश भी सभापति ने दिये। उन्होंने कहा कि सभी विभाग आगामी वर्षों में किये जाने वाले कार्यों हेतु कार्ययोजना बनाते हुये इसका अनुपालन सुनिश्चित करें। पर्यावरण संरक्षण, सौर ऊर्जा का अधिकतम प्रयोग, नदियों को पुनर्जीवित करने, जीरो कार्बन उत्सर्जन आदि विषयों पर भी कार्य करने की आवश्यकता के विषय में बताया। उन्होंने कहा कि अगली पीढ़ी को अच्छी जलवायु उपलब्ध कराना हम सभी का दायित्व है।
उन्होंने विनियमित क्षेत्र के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वर्षा जल संरक्षण हेतु भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग संयत्र स्थापित किये जाने के मानकों का कड़ाई से पालन कराया जाये तथा सभी सरकारी भवनों में अनिवार्य रूप से रेन वाटर हार्वेस्टिंग संयत्र संचालित अवस्था में रखे जायें। आपदा से संबंधित संयत्र सदैव तैयार अवस्था में रखे जाने हेतु व्यापक स्तर पर कार्ययोजना बनायी जाये।
सभापति ने निर्देश दिये कि नदियों के किनारे एवं अन्य बाढ़ सम्भावित क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर गोताखोरों का पर्याप्त प्रबंध सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि वाहनों में ओवरलोडिंग न हो, इसके लिये कड़े प्रबंध किये जाये। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को जागरूक किया जाये। उन्होंने जनपद में मन्दाकिनी नदी के पुनर्जीवित किये जाने हेतु जिला प्रशासन द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना भी की।
साथ ही सभी अधिकारियों को निर्देश दिये कि बैठक के दौरान मा0 सदस्यगणों द्वारा दिये गये सुझावों का अनुपालन सुनिश्चित कर अवगत कराया जाये। बैठक के दौरान सदस्यगणों द्वारा भी आपदा से संबंधित विभिन्न विभागों को आवश्यक निर्देश दिये गये। जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने समिति को आश्वस्त किया कि उनके निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।
बैठक के दौरान पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र, मुख्य विकास अधिकारी निधि बंसल, प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी वन प्रभाग नवीन खण्डेलवाल, अपर जिलाधिकारी नीतीश कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी न्यायिक खालिद अंजुम, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 सुरेश कुमार सहित संबंधित अधिकारी व समिति के अधिकारीगण उपस्थित रहे।