सांडा-सीतापुर। सकरन ब्लाक मुख्यालय पर स्थित सकरन खुर्द की गौशाला जो ब्लॉक कार्यालय और विद्युत उपकेंद्र सांडा से मात्र आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। विकासखंड की इस सबसे बड़ी गौशाला में जहाँ 400 से अधिक गौवंशों को संरक्षित किया गया है। गौशाला में गौवंशों को रात के अंधेरे में हिंसक जंगली जानवरों के हमलों से बचाने के लिए गौशाला में विद्युतीकरण हेतु सांडा पावर हाउस में एक वर्ष पूर्व आवेदन किए जाने के बावजूद जिम्मेदारों की लापरवाही से गौशाला में अब तक विद्युतीकरण नहीं हो हो पाया है।
सकरन खुर्द की गौशाला शाम ढलते ही पूरी तरह से अंधेरे में डूब जाती है। अंधेरे का फायदा उठाकर रात में अक्सर हिंसक जंगली जानवर गौशाला में आ जाते हैं और कमजोर तथा नवजात गौवंशों पर जानलेवा हमला करके उन्हें अपना शिकार बना लेते हैं।
ग्राम प्रधान प्यारेलाल भार्गव ने बताया कि गौशाला में उजाले की व्यवस्था के लिए एक वर्ष पूर्व विद्युत उपकेंद्र सांडा में विद्युतीकरण के लिए फाइल जमा की गई थी। उनके द्वारा लगातार उपकेंद्र की दौड़ भी लगाई जा रही है लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी से गौशाला में विद्युतीकरण नहीं हो पा रहा है। जिससे गौवंशों को रात के अंधेरे में हिंसक जंगली जानवरों से बचाने में अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।