सीतापुर: हिरासत में लिए गए आरोपी की संदिग्ध मौत

सीतापुर। जिले के पिसावां थाना क्षेत्र में बसपा नेता की मौत मामले में पुलिस कस्टडी में लिए गए एक युवक की मौत से हड़कंप मच गया। परिजनों ने पुलिस पर घर से बुलाकर मारने पीटने जैसे गंभीर आरोप लगाए है। पुलिस का कहना है कि घर से लाते समय युवक राजू की हालत बिगड़ी और आनन फानन में लेकर जिला अस्पताल पहुंची, जहां डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद पुलिस मामले में पलड़ा झाड़ते हुयी नजर आ रही है और साथ ही युवक की मौत की वजह तबियत खराब होने से मौत की बात कह रही है। डॉक्टरों के पैनल से मृतक का पोस्टमार्टम कराया जाएगा।

पुलिस कस्टडी में संदिग्ध मौत

मामला पिसावां थाना इलाके का है। यहां के ग्राम जिगिनिया निवासी 40 वर्षीय रामलोटन पुत्र वेदनाथ बसपा का सेक्टर प्रभारी था। रामलोटन का शव गांव के बाहर मंगलवार की सुबह खून से लथपथ शव मिला था और उसके शरीर पर गंभीर चोटों के निशान मिले थे। परिजनों ने गांव के ही 6 लोगों पर हत्या का शक जताते हुए नामजद तहरीर दी। पुलिस ने तफ्तीश आगे बढ़ाई और गांव के ही नामजद आरोपियों में से राजू पुत्र जवाहर को हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए घर से ले आयी। देर रात राजू की तबियत बिगड़ते ही पुलिस और चैकीदार सन्तराम पिसावां सीएचसी पहुंचे जहां से डॉक्टरों ने उसकी हालत गंभीर देखते हुए जिला अस्पताल रेफर कर दिया।

तबियत बिगड़ने से हुई मौत-एएसपी

एएसपी उनपी सिंह ने बताया कि जिला अस्पताल में राजू का प्राथमिक टेस्ट करते हुए डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर जिससे पुलिस के होश फाख्ता हो गए। मृतका की मां का आरोप है कि उसके बेटे राजू को पुलिसकर्मी अपनी जीप में बिठाकर ले गए और उसको सब लोगों ने मिलकर मारा होगा जिससे उसकी मौत हो गयी। परिजनों के मुताबिक, उसकी शादी होने वाली थी, लेकिन उससे पहले ही उसकी मौत हो गयी। इस पूरे मामले पर पुलिस की अलग ही कहानी सामने आ रही है। पुलिस का कहना है कि जब पुलिस टीम राजू को लेकर थाने आ रही थी तभी रास्ते मे ही उसकी तबियत बिगड़ गयी और उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गयी।

भारी संख्या में थाना पर मौजूद रही पुलिस

आरोपी राजू की संदिग्धावसथा में हुई मौत के बाद सुरक्षा की दृष्टि से थाना पिसावां के बाहर कई थानों की पुलिस फोर्स लगा दी गई थी। सुबह जैसे ही लोगों को राजू की मौत के विषय में पता चला लोगों की थाना के बाहर भीड़ बढ़ने लगी थी। परिजन पुलिस पर आरोप लगा रहे थे। ग्रामीणों की बढ़ती संख्या को देखते हुए थाना मिश्रिख, नैमिषारण्य, महोली, कोतवाली देहात तथा मछरेहटा की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई थी।

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