सीतापुर : महाकवि नरोत्तमदास की जन्मस्थली “बाड़ी” में होगा हिंदी सभा के वार्षिकोत्सव का उद्घाटन

  • जनपद सीतापुर की साहित्यिक धरोहर हिंदी सभा का चार दिवसीय अधिवेशन 24 अप्रैल से
  • हिंदी सभा के संस्थापक आचार्य कृष्ण बिहारी मिश्र व डॉ नवल बिहारी मिश्र के पैतृक ग्राम गंधौली में भी होगा आयोजन

सीतापुर । जनपद सीतापुर की साहित्यिक धरोहर हिंदी सभा जो उत्तर भारत की शिखरस्थ हिंदी संस्थाओं में एक है अपनी स्थापना के 85 वें वर्ष में अपने वार्षिकोत्सव अधिवेशन की शुरुआत 24 अप्रैल से महाकवि नरोत्तमदास की जन्मस्थली सिधौली तहसील के ग्राम बाड़ी स्थित उनकी कुटिया समाधि स्थल पर साहित्यिक आयोजन कर करेगी।

1940 में हुई थी हिन्दी सभा की स्थापना

इसकी जानकारी देते हुए हिंदी सभा के अध्यक्ष पूर्व पालिकाध्यक्ष आशीष मिश्रा ने बताया कि हिंदी सभा की स्थापना राजर्षि पुरुषोत्तम दास की प्रेरणा से वर्ष 1940 में सिधौली तहसील के ग्राम गंधौली निवासी मूर्धन्य साहित्यकार आचार्य कृष्ण बिहारी मिश्र व उनके अनुज डॉ नवल बिहारी मिश्र तथा मजिस्ट्रेट विशम्भर नाथ मेहरोत्रा द्वारा की गई थी।

सभा अपनी स्थापना के 85 वें वर्ष में आयोजित अधिवेशन को अपने संस्थापकों व सीतापुर के बाड़ी में जन्मे सुदामा चरित के रचयिता महाकवि नरोत्तमदास के अमिट साहित्यिक योगदान को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए अधिवेशन का उद्घाटन 24 अप्रैल को पहले ग्राम गंधौली स्थित आचार्य कृष्ण बिहारी मिश्र की जन्मस्थली पर जनपद के शीर्ष साहित्यकार दीपदान करेंगे फिर महाकवि नरोत्तमदास की कुटिया पर उनके द्वारा रचित सुदामा चरित का पाठ, परिचर्चा व कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।

25 अप्रैल से लालबाग पार्क सिथत हिन्दी सभा में होंगे कार्यक्रम

25 अप्रैल से 27 अप्रैल तक सीतापुर के लालबाग पार्क स्थित हिंदी सभा के सभागार में छात्रों की विभिन्न प्रतियोगिताएं वाद विवाद, स्वरचित गेय काव्य, कला प्रतियोगिता, अभिनय व नाट्य प्रस्तुतियां , शास्त्रीय गीत लोक गीत गायन वादन प्रतियोगिताओं सहित विभिन्न सत्रों में बौद्धिक विमर्श ,साहित्यिक परिचर्चा , साहित्यकारों व प्रतिभाओं का सम्मान व कवि सम्मेलन मुशायरा आदि कार्यक्रमो का आयोजन होगा। उन्होंने बताया कि हिंदी सभा के वार्षिकोत्सवों में सुविख्यात शिक्षाविद, दिग्गज साहित्यकार, साहित्य मनीषी अधिवेशनों की अध्यक्षता में आते रहे है।

सभापति के रूप में रहेंगे महेंद्र भीष्म

इस बार अधिवेशन के सभापति के रूप में प्रख्यात कथाकार महेंद्र भीष्म रहेंगे जो वर्तमान में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में निबंधक सह प्रधान न्यायपीठ सचिव के पद पर कार्यरत है। महेंद्र भीष्म के सात कहानी संग्रह एक नाट्य संग्रह व पांच उपन्यास प्रकाशित हो चुके है इनके उपन्यास आखरी दरख्त को उत्तर प्रदेश शाशन का मीर तकी मीर साहित्य सम्मान मिला है। किन्नर व समलैंगिकता के दुर्लभ विषयों पर इनके उपन्यास देश भर में चर्चित है।

यह हस्तियां कार्यक्रम में करेगी शिरकत

महामंत्री रजनीश मिश्र ने बताया कि अधिवेशन में साहित्य भूषण रमाकांत पांडेय ‘अकेले’, उपाध्यक्ष राज्य ललित कला अकादमी गिरीश चन्द्र मिश्र,अवधी विद्वान वेद प्रकाश सिंह प्रकाश, अमर बहादुर सिंह अमर, डॉ सुधा सिंह, ज्ञानेंद्र पांडेय, प्रख्यात रचनाकार डॉ उमाशंकर शुक्ल, प्रोफेसर विश्वम्भर शुक्ल, गौरीशंकर वैश्य सहित डॉ अरुन त्रिवेदी, डॉ रमेश मंगल बाजपेयी, अरुणेश मिश्र, डॉ ज्ञानवती दीक्षित, कमलेश मौर्य मृदु, आलोक सीतापुरी, भूपेंद्र दीक्षित, संदीप मिश्र सरस, रमेश बाजपेयी विरल, कवि जगजीवन, डॉ बृज बिहारी, जनाब मस्त हफीज रहमानी, आराध्य शुक्ला, रमेश पांडेय शिखर ‘शलभ’, शांति शरण मिश्र व्यंग्य, केजी त्रिवेदी, रामेंद्र त्रिवेदी, डॉ प्रवीण श्रीवास्तव, डॉ रचना भारतीय, अमित श्रीवास्तव, कार्तिकेय शुक्ल, केके शुक्ला, नवनीत मिश्र, सहित तमाम साहित्यकारों कलमकारों व कवियों ने विभिन्न सत्रों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमो में भाग लेने हेतु अपनी सहमति दे दी है। समापन कार्यक्रम में 27 अप्रैल को सीतापुर के लोकप्रिय संगीत ग्रुप संगीतायन का विशेष आयोजन भी रखा गया है। 25 से 27 तक शाम के सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। समापन कवि सम्मेलन व मुशायरा से होगा।

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