सीतापुर। एक बार फिर क्षेत्र के ऐमा घाट पर लगभग 15 गोवंश के शव देखे जाने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। मजदूरों द्वारा गोवंशों के शव को नदी से बाहर खीचकर जेसीबी के द्वारा दफन किया किया गया। देर शाम होने के बाद शव को दफन करने का काम बंद कर दिया गया था। ब्लाक के कर्मचारियों में मिलकर सभी मृत गायों को दफन कराया उसके बाद भी मौके पर लगभग 2 गोवंशों के शव पड़े रहे। ग्रामीणों ने बताया कि जेसीबी से 15 गोवांशो को दफन कर दिया गया है।
अगर बात करे तो तीनो घटनाएं गोंदलामऊ ब्लाक के अंतर्गत हुई है। एक ही हफ्ते में लगभग 100 से अधिक गोवंशो के शव मिले है लेकिन अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है कि इतनी बड़ी संख्या में एक साथ मौत कैसे हो सकती है। सब अधिकारी अपना पल्ला झाड़ रहे है। कर्मचारियों का कहना है की शव हरदोई से आते है, यह बोल कर काम खत्म कर दिया जाता है। इस घटना को अभी तक किसी सांसद, विधायक ने संज्ञान अभी तक नही लिया है।
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संगठनों ने की घटना की निंदा
मंगलवार से लेकर शुक्रवार तक क्षेत्र के भिन्न-भिन्न बार्डरो पर गोवंशो के शव देखे जाने के बाद भी अधिकारी इस घटना को लेकर संजीदा नही दिखे। बताते चले की क्षेत्र के कोनीघाट पुल के नीचे बह रही सराय नदी से आधा सैकड़ा गोवंश के शव, ककरघटा घाट के नीचे बह रही गोमती नदी से 25 गोवंश के शव और तेरवा घाट से 50 शव मिलने से क्षेत्र में हड़कंप का माहौल है। विभिन्न सक्रिय संगठनो द्वारा इस घटना की काफी निंदा भी की गई और घटना के जल्द से जल्द खुलासा किए जाने की मांग की है।
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कार्रवाई के नाम पर मात्र खाना पूर्ति
बताते चले की क्षेत्र में सैकड़ों गोवंशो के शव मिलने से आसपास के जिलो में चर्चा का विषय बना हुआ है। इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद भी जिले के प्रशासनिक अधिकारी मामले को लेकर कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति कर अपना पल्ला झाड़ लिया। बराबर के जिम्मेदार एडीओ पंचायत गोंदलामऊ को अभयदान दे दिया जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।