सीतापुर। अपने लिए तो सभी जीते हैं लेकिन जो दूसरों के लिए लिए जिए असल में वही सच्चा इंसान है। जी हां हम बात कर रहे उस युवा की जो पढ़ा तो लंदन में है लेकिन संस्कार अपने भारत के और बाबा तथा पिता के हैं। जो गांव पचास वर्षो से गरीबी की त्रासदी में जीवन जी रहा था उस ‘बनघुसरी’ गांव की तस्वीर को महज 42 दिनों में ही बदल कर रख दिया। गांव में बिजली, पानी, चिकित्सा, स्वच्छता पर तो काम किया ही साथ ही लोगों को स्वरोजगार बनाने के लिए एक ऐसी मुहिम ‘किसान से जवान तक’ छेड़ने जा रहा है जो कि 21 वीं सदी की नई क्रांति साबित होगी।
यह कोई गप्प नहीं बल्कि बिसवां विकासखंड की ग्राम पंचायत कंदुनी के मजरा बनघुसरी की दास्तां है। कंदुनी के प्रतिष्ठित चौधरी परिवार के कुंवर अरिंजय चौधरी लंदन से पढ़ाई कर वापस लौटे है। वह एक दिन अपने पिता शरद चौधरी के साथ पास के गांव बनघुसरी गए तो वहां की गरीबी देख उनका मन द्रवित हो उठा। उन्होंने अपने पिता से इसके कायाकल्प की बात की। पिता ने भी अपने पुत्र के हौसले को बढ़ाते हुए उन्हें 42 दिन का मौका दिया और कहा कि 6 अक्टूबर को मेरा जन्मदिन है और होने वाले कार्यक्रम तक मुझे इसके कायाकल्प का ही तोहफा चाहिए।
बस फिर क्या था, लंदन के पढ़े इस युवा अरिंजय ने एक टीम तैयार की और महज 42 दिनों में वो कर दिखाया जो आज तक कोई नहीं कर सका। इसमें शासन-प्रशासन की मदद ली और खुद के दम पर सबसे पहले पूरे गांव में बिजली दौड़ा दी। पानी की किल्लत को दूर कर उसमें वैक्टीरिया मरने वाली कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कराया। स्वच्छता को लेकर पानी निकास और टूटे शौचालयों को दुरूस्त कराया, साफ सफाई कराई। वहीं ग्रामीणों को बीमारियों से बचाने के लिए खून की जांच समेत अन्य जांच करा चिकित्सा के शिविर लगाए। आज गांव की तस्वीर पूरी तरह से बदली चुकी है। जो गांव की गलियां शाम होते ही अंधेरे में डूब जाती थी वह बिजली की रोशनी से जगमग हो रही है। हर तरफ स्वच्छता फेली हुई है।
इनसेट – अब ग्रामीणों को बनाएंगे स्वावलंबी
लंदन का यह युवा अब यहीं पर रूकने वाला नहीं है। अब उसने योजना बनाई है ग्रामीणों को स्वावलंबी बनाने की। अरिंजय चौधरी व उनके पिता शरद चौधरी का मानना है कि चूंकि यहां का परिवेश पूरा का पूरा ग्रामीण है और यहां के लोग किसानी पर आधारित है इसलिए उन्हें खेत के जरिए ही आगे बढ़ाया जाए। इसके लिए वह ‘किसान से जवान तक’ थीम पर कार्य करने जा रहे है।
उन्होंने बताया कि यहां के किसानों को मार्डन खेती करना सिखाएंगे। उसमें पैदा होने वाली वस्तुओं को वह ंिलंक के जरिए सेना, पुलिस, पीएससी, सीआरपीएफ, बीएसएफ के जवानों तक या ऐसे स्थानों पर सीधे सप्लाई कराएंगे जिससे उस फसल का लाभ सीधा किसान को मिले ना कि बिचौलिए को। इसके लिए वह खेती के साथ-साथ उन्हें विभिन्न रोजगारों से भी जोड़ेगे। जिसमें महिलाओं के लिए सिलाई मशीनें, आटा चक्की, पापड़ मशीन, मसाला चक्की, पोल्ट्री फार्म, मछली पालन, अचार, मधुमक्खी पालन, बकरी पालन, डेयरी फार्मिग आदि शामिल होंगे।
इनसेट- छह को आयोजित होगा कार्यक्रम
जिले के प्रतिष्ठित गणमान्य शरद चौधरी तथा उनके पुत्र अरिंजय चौधरी ने प्रेसवार्ता में बताया कि ‘किसान से जवान तक’ कार्यक्रम का आयोजन कंदुनी बिसवां सीतापुर मंें अर्जुन आईटीआई कैंपस में 6 अक्टूबर 2024 को होगा। यहां पर अति पिछड़े किसानों का एक एफपीओ बनाया जा रहा है और उनको कुटीर उद्योगों के माध्यम से फूड प्रोसेसिंग सेक्टर से जोड़ा जाएगा। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यमंत्री तथा जिले के प्रभारी मयंकेश्वर शरण सिंह होंगे। इस मौके पर गोपी किशन जयपुरिया, अशोक बाजपेई, हसीन मियां, शकील आदि मौजूद रहे।