सीतापुर। उप कृषि निदेशक एसके सिहं ने बताया कि 24 सितंबर को जनपद के कृषक उत्पादक संगठनों व उनसे जुड़े किसानों को श्रीअन्न (मिलेट्स) उत्पादन तकनीकी के संबन्ध में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कृषि भवन खैराबाद के सभागार मे किया गया। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र कटिया के कृषि वैज्ञानिक डॉ0 योगेंद्र द्वारा किसानों को श्रीअन्नों की खेती तथा इसकी उपयोगिता के विषय में प्रशिक्षित किया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र अंबरपुर की वैज्ञानिक डॉ0 ऋचा सिंह द्वारा उपस्थित प्रशिक्षु एफ0पी0ओ0 और किसानों को श्री अन्नों के विभिन्न प्रसंस्कृत उत्पादों व श्री अन्न से निर्मित विभिन्न व्यंजनों को तैयार करने की विधियों के विषय में जानकारी उपलब्ध करायी गयी।
उप कृषि निदेशक द्वारा बताया गया कि श्री अन्नों जैसे ज्वार, बाजरा, सांवा, कोदों, रागी, मड़ुवा,काकुन आदि की खेती किसानों को समृद्ध बना सकती है। श्री अन्नों का रोग और कीटों से कम प्रभावित होना, उर्वरकों की कम खपत, कम समय में तैयार हो जाना इत्यादि श्री अन्नों के प्रमुख गुण है जिससे इनकी उत्पादन लागत बहुत कम हो जाती है जो इसे मुनाफे का सौदा बनाती है।
उन्होंने बताया कि श्री अन्नों के पोषण गुणों के कारण पूरी दुनिया में श्री अन्नों की मांग बढ़ी है जिससे आगामी समय में इसका मूल्य तेजी से बढ़ेगा। अतः सभी एफ0पी0ओ0 को श्री अन्न उत्पादन के क्षेत्र में आगे आते हुए इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। उप कृषि निदेशक द्वारा बताया गया कि जनपद में श्री अन्नों के आच्छादन और उत्पादन बढ़ाए जाने सम्बन्धी गतिविधियों के क्रम में 50 कृषकों के एक दल को कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर (उत्तराखण्ड) के लिए भेजा गया है। यह किसान कृषि विश्वविद्यालय में श्री अन्न उत्पादन के संबन्ध में की जा रही उत्कृष्ट गतिविधियों का ऑनसाइट भ्रमण कर कृषि वैज्ञानिकों से इस संबन्ध में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे जो अन्य कृषकों में श्री अन्नों के उत्पादन के प्रति जागरूकता के प्रसार हेतु सहायक सिद्ध होगा।