सीतापुर। बाल विकास विभाग की सेवाओं स्वास्थ्य एवं पोषण के मुददों पर सामुदायिक जागरूकता में सुधार करना आई0सी0डी0एस0 की सेवाओं में से एक हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस सेवा को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एन0आई0सी0) द्वारा पढ़ाई पाठशाला का आयोजन आज 25 सिंतबर को अपरान्ह 12 से 02 बजे के मध्य वेबकास्ट के रूप में आयोजित किया गया। आयोजित कार्यक्रम की मुख्य थीम ‘कुपोषण का प्रकार, कारण एवं 06 माह से छोटे शिशु के लिए पोषण सेवाएं‘ रहा।
यह कार्यक्रम सचिव की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। जिसमें विभागीय अधिकारियों के अतिरिक्त बाल रोग विशेषज्ञों डॉ0 रवीश कुमार शर्मा एवं डॉ0 अशोक कुमार रावत द्वारा कुपोषण का प्रकार, कारण एवं 06 माह से छोटे शिशु के लिए पोषण सेवाएं, बच्चों में सामान्यतः होने वाली बीमारियाँ एवं बीमारी के दौरान और बाद में की जाने वाली देखभाल के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की गई, बाल रोग विशेषज्ञों द्वारा कुपोषण के बारे में बताया गया कि कुपोषण कई कारणों से होता है, जैसे कम मात्रा में भोजन करने से कुपोषण विकसित हो सकता है कम आय वाले लोगों में भोजन की कमी बहुत आम बात है तथा भोजन के बारे में पर्याप्त जानकारी के अभाव में बच्चों में कुपोषण का प्रमुख कारण है।
गरीबी सबसे वंचित आबादी के लिए पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों से भरपूर भोजन की उपलब्धता को प्रभावित करती है। पीने के लिए साफ की कमी, खराब स्वच्छता और गम्भीर कुपोषण के लिए जिम्मेदार जल जनित रोगों की चपेट में आने की सम्भावना बढ़ जाती है। कुपोषित लड़किया अपनी किशोरावस्था में शादी कर लेती है और उनके बच्चे जन्म से ही कुपोषित होते है।
पढ़ाई पाठशाला कार्यक्रम आयोजन में एन0आई0सी0 सीतापुर में जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार राव के साथ बाल विकास परियोजना अधिकारी हरगॉव खलीलुल्लाह, बाल विकास परियोजना अधिकारी खैराबाद अनूप कुमार सिंह, बाल विकास परियोजना अधिकारी बिसवॉ शबीना फात्मा, बाल विकास परियोजना अधिकारी रामपुर मथुरा संजय कुमार द्विवेदी, बाल विकास परियोजना अधिकारी कसमण्डा अजीत कुमार सिंह, बाल विकास परियोजना अधिकारी गोंदलामऊ अजीत कुमार वर्मा, प्रभारी बाल विकास परियोजना अधिकारी महोली ममता यादव, प्रभारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी लहरपुर सुनीता रस्तोगी एवं प्रभारी बाल विकास परियोजना अधिकारी परसेण्डी श्रीमती ऊषा रावत द्वारा प्रतिभाग किया गया।
इसके अतिरिक्त समस्त बाल विकास परियोजना कार्यालयों में बाल विकास परियोजना अधिकारीध्प्रभारी एवं मुख्य सेविकाओं व ऑगनबाड़ी कार्यकत्रियों व लाभार्थियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।