आगामी लोक सभा चुनाव के पहले सियासी माहौल गरमा गया है. सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है. हाल में ही सपा-बासप गठबंधन के बाद यूपी में भाजपा के लिए एक बड़ी परेशानियो का दौर शुरू हो गया है. इस बीच कांग्रेस ने भी तीन राज्यों में जीत के बाद अब यूपी में आगमी लोक सभा में जीत हासिल करने के लिए अपनी बहन प्रियंका पर दांव लगाया है. इस बीच एक बड़ी खबर ने सियासत को गरमा दिया है. बताते चेल कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा एक बड़ा गहरा राज़ आज खोला है.एसएम कृष्णा ने बताया राहुल गांधी के लगातार हस्तक्षेप के कारण उन्हें कांग्रेस पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।
मनमोहन सिंह सरकार में विदेश मंत्री रहे कृष्णा ने कहा
राहुल जब पार्टी अध्यक्ष नहीं थे तब भी उन्होंने सभी मामलों में हस्तक्षेप किया। उन्होंने आगे दावा किया कि भले ही मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे लेकिन कई विषयों को उनके संज्ञान में लाए बिना आगे बढ़ा दिया गया।
एक कृष्णा 2017 में भाजपा में शामिल हुए थे
कर्नाटक कांग्रेस के सबसे बड़े नेताओं में से एक कृष्णा 2017 में भाजपा में शामिल हुए थे। 46 साल बाद उन्होंने कांग्रेस को छोड़ा था। मद्दुर में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कृष्णा ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया क्योंकि राहुल ने एक आदेश जारी कर कहा था कि 80 साल तक पहुंचने वाले नेताओं को कोई मंत्रालय नहीं देना चाहिए।
कृष्णा ने कहा
‘2009 से 2014 तक जब मैं विदेश मंत्री था, पार्टी में घुटन का माहौल था।’ कर्नाटक के पूर्व सीएम ने दावा किया कि कांग्रेस का गठबंधन दलों पर कोई नियंत्रण नहीं था और इस समय के दौरान 2 जी स्पेक्ट्रम, कॉमनवेल्थ और कोयला जैसे सभी बड़े घोटाले सामने आए। तब कोई सक्षम नेतृत्व नहीं था।
84 साल के कृष्णा इंदिरा गांधी और उनके बेटे राजीव गांधी के करीबी सहयोगियों में से एक थे और केंद्र और राज्य दोनों में प्रमुख मंत्री पद पर रहे। पार्टी ने उन्हें 2004 से 2008 तक महाराष्ट्र के 19वें राज्यपाल के रूप में भी नियुक्त किया।
कृष्णा ने कहा कि उन्होंने ईमानदारी से महसूस किया कि देश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 5 साल और घोटाले-मुक्त और भ्रष्टाचार-मुक्त प्रशासन की आवश्यकता है।