सेट्रल जेल में शुरू हुआ आरोप प्रत्यारोपों का दौर, संदिग्ध मानी जा रही चिकित्सक की गतिविधियां
भास्कर समाचार सेवा
आगरा। आगर सेंट्रल जेल के दो बड़े अधिकारियों में ऐसी ठनी है कि दोनों एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। चिकित्साधिकारी ने जेल वरिष्ठ अधीक्षक पर अतिरिक्त आहार में घपला करने तो अधीक्षक ने चिकित्साधिकारी पर पाकिस्तानी और कश्मीरी आतंकियों को निकालने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। हालांकि, अधीक्षक की शिकायत पर चिकित्साधिकारी को सीएमओ ने हटा दिया है, जबकि चिकित्साधिकारी ने आईजीआरएस और डीजी जेल से शिकायत की है। बता दें कि 25 अगस्त 2022 को डॉ. कुमार गुप्ता चिकित्साधिकारी पद पर नियुक्त हुए थे। जेल वरिष्ठ अधीक्षक आरके मिश्रा का कहना है कि उन्होंने डॉ. कुमार गुप्ता की संदिग्ध गतिविधियां देखी थीं। डॉ. गुप्ता का बंदियों के प्रति व्यवहार ठीक नहीं था। वे बंदियों के उपचार में लापरवाही बरतते थे। जेल में निरुद्ध पाकिस्तानी और कश्मीरी बंदियों को निकालने की साजिश रच रहे थे। इसकी शिकायत सीएमओ से की थी। डॉ. कुमार गुप्ता बरौली अहीर सीएचसी से स्थानांतरण होकर सेंट्रल जेल पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि जेल वरिष्ठ अधीक्षक आरके मिश्रा अतिरिक्त आहार में घपला करते हैं। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त आहार चिकित्सक के लिखने पर वृद्ध, बीमार बंदियों को दिया जाता है। जेल वरिष्ठ अधीक्षक जिन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवा रहे थे। उन पर अतिरिक्त संख्या में लोगों के नाम थे। जब उन्होंने हस्ताक्षर करने के लिए मना किया तो उन्हें बंदियों से पिटवाने की धमकी दी गई। हाथापाई पर उतारू हो गए थे। कार्यालय में सीसीटीवी नहीं था। इसलिए वह कमरे से बाहर निकल आए थे। चिकित्सक ने आईजीआरएस और डीजी जेल से शिकायत की है। साथ ही अतिरिक्त आहार और गल्ला गोदामों के रजिस्टरों की जांच की मांग की है। जेल वरिष्ठ अधीक्षक आरके मिश्रा का कहना है कि चिकित्सक कुमार गुप्ता ने पाकिस्तानी और कश्मीरी आतंकियों को जेल से निकालने की योजना बनाई थी। 9 अप्रैल को करीब 9.30 बजे डॉक्टर ने उन्हें पाकिस्तानी और कश्मीरी आतंकियों को इमरजेंसी में जिला अस्पताल भिजवाने की बात कही थी, लेकिन उन्हें ऐसा नहीं लगा कि दोनों आतंकियों को इसकी आवश्यकता है। बिना किसी इलाज के जेल से बाहर निकालना उन्हें संदिग्ध लगा, इसलिए उन्होंने जेल गार्ड के अलावा पुलिस गार्ड के साथ ले जाने की सलाह दी, लेकिन इसके थोड़ी देर बाद डॉक्टर आतंकियों के साथ हंसते हुए बातें कर रहे थे। जेल अधीक्षक ने डॉक्टर की इन्हीं गतिविधियों को संदिग्ध मानते हुए उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।