लखीमपुर गांव में गुपचुप तरीके से की गई सोशल ऑडिट

लखीमपुर । बिजुआ जिम्मेदारों की लापरवाही से सोशल ऑडिट मखौल बनकर रह गया है। बिजुआ ब्लाक क्षेत्र की ग्राम पंचायत रामालक्ष्ना में बृहस्पतिवार को हुई सोशल आडिट के नाम पर केवल औपचारिकता निभाई गई। सोशल आडिट के दौरान ग्राम पंचायत की खुली बैठक की मुनादी न होने से ग्रामीणों को मनरेगा योजना सहित अन्य विकास कार्यों की जानकारी नहीं हो सकी।

भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के उद्देश्य और पारदर्शिता लाने के लिए प्रशासन द्वारा सभी ग्राम पंचायतों में सोशल आडिट कराई जाती है। ताकि जनसामान्य में जागरूकता आ सके। परंतु बिजुआ ब्लॉक क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में सोशल ऑडिट भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने मे कारगर सिद्ध नहीं हो पा रही है। ग्राम पंचायतों में सोशल ऑडिट के लिए टीम को तीन दिन पूर्व संबंधित ग्राम पंचायत के अभिलेख ब्लाक मुख्यालय से मिल जाते हैं।

पोल खुलने के डर से किसी को नहीं दी जानकारी, सिर्फ निभाई गई औपचारिकता

इन अभिलेखों का मिलान खुली बैठक की तिथि से दो दिन पूर्व गांव आकर टीम को करना होता है साथ ही इसकी मुनादी भी कराई जाती है। निर्धारित तिथि पर सोशल आडिट के दौरान गांव में खुली बैठक बुलाकर मनरेगा कार्यों व आवासों का सत्यापन किया जाता है। परंतु रामालक्ष्ना गांव में सोशल आडिट के लिए मुनादी नहीं कराई गई। इससे ग्रामीणों को खुली बैठक की जानकारी ही नहीं हो सकी। ग्राम प्रधान ने गांव में हुए विकास कार्यों की पोल खुलने के डर से ऑडिट टीम के साथ सांठगांठ कर बृहस्पतिवार को पंचायत भवन में अपने चहेते कुछ लोगों को बुलाकर गुपचुप तरीके से सोशल ऑडिट की औपचारिकता पूरी कर ली।

गांव के अधिकांश ग्रामीणों ने बताया कि बैठक के बारे में किसी को नहीं बताया गया व गांव में कोई भी मुनादी नहीं कराई गई, जिससे जानकारी नहीं मिल सकी और न ही विकास कार्यों का स्थलीय सत्यापन किया गया। वहीं ग्राम प्रधान अरविंद राठौर ने गांव में गुपचुप तरीके से हुई सोशल ऑडिट के विषय में विवरण देने से इन्कार कर दिया।

रामालक्ष्ना निवासी पप्पू ने बताया कि हम लोगों को गांव मे हुई सोशल ऑडिट की किसी ने भी जानकारी ही नहीं दी। गुपचुप तरीके से चुपचाप बैठक कर ली गई यदि पता होता तो जाकर जरूर देखता।

रामालक्ष्ना निवासी धनंजय कुमार ने बताया कि गांव में कोई मुनादी नहीं कराई गई। जिससे किसी को भी खुली बैठक के विषय में जानकारी नहीं हो पाई। हम लोग सोचते ही रह गए कि जब गांव में खुली बैठक होगी तब गांव में हुए भ्रष्टाचार को सामने रखेंगे।

रामालक्ष्ना निवासी रुकमणी देवी ने बताया कि इस ग्राम पंचायत में कभी भी कोई बैठक नहीं की जाती है। अगर की जाती होगी तो गुपचुप तरीके से। हम लोगों को कभी किसी बैठक के विषय में जानकारी नहीं दी जाती है न ही बताया जाता है।

रामालक्ष्ना निवासी मोहित कुमार ने बताया कि इस ग्राम पंचायत में काफी भ्रष्टाचार हुआ है जिस के डर से प्रधान किसी को बैठक आदि के बारे में जानकारी नहीं देना चाहते। अधिकारियों द्वारा ग्राम पंचायत में जांच की जाए तो बहुत भ्रष्टाचार उजागर हो जाएगा।

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