इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण पौषी अमावस्या पर 26 दिसंबर को रहेगा. कंकण आकृति वाला यह वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा अर्थात पूर्णग्रास नहीं बल्कि खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा. बता दें कि इससे पहले इस साल छह जनवरी और दो जुलाई को आंशिक सूर्यग्रहण लगा था.
ग्रहण का समय
भारतीय मानक समय अनुसार आंशिक सूर्यग्रहण सुबह 8 बजे आरंभ होगा जबकि वलयाकार सूर्यग्रहण की अवस्था सुबह 9.06 बजे शुरू होगी. सूर्य ग्रहण की वलयाकार अवस्था दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी जबकि ग्रहण की आंशिक अवस्था दोपहर एक बजकर 36 मिनटर पर समाप्त होगी .
यहां दिखाई देगा
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा एक बयान में बताया गया कि भारत में सूर्योदय के बाद इस वलयाकार सूर्य ग्रहण को देश के दक्षिणी भाग में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के हिस्सों देखा जा सकेगा जबकि देश के अन्य हिस्सों में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई देगा.
ग्रहण की वलयाकार प्रावस्था का संकीर्ण गलियारा देश के दक्षिणी हिस्से में कुछ स्थानों यथा कन्नानोर, कोयंबटूर, कोझीकोड, मदुरई, मंगलोर, ऊटी, तिरुचिरापल्ली इत्यादि से होकर गुजरेगा.भारत में वलयाकार सूर्य ग्रहण के समय सूर्य का करीब 93 फीसदी हिस्सा चांद से ढका रहेगा. मालूम हो कि सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा के आ जाने से सूर्य का प्रकाश जब पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाता है तो इसी स्थिति को सूर्य ग्रहण कहा जाता है.
इन महानगरों में अवस्था
वलयाकार पथ से देश के उत्तर एवं दक्षिण की ओर बढ़ने पर आंशिक सूर्य ग्रहण की अवधि घटती जाएगी. आंशिक ग्रहण की अधिकतम प्रावस्था के समय चंद्रमा द्वारा सूर्य का आच्छादन बंगलोर में लगभग 90 फीसदी चेन्नई में 85 फीसदी, मुंबई में 79 फीसदी, कोलकाता में 45 फीसदी, दिल्ली में 45 फीसदी, पटना में 42 फीसदी, गुवाहाटी में 33 फीसदी, पोर्ट ब्लेयर में 70 फीसदी और सिलचर में 35 फीसदी रहेगा.
इन देशों से होकर गुजरेगा
सूर्य का वलयाकार ग्रहण भूमध्य रेखा के निकट उत्तरी गोलार्ध में एक संकीर्ण गलियारे में दिखाई देगा. वलयाकार पथ सऊदी अरब, कतर, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात, भारत, श्रीलंका के उत्तरी भाग, मलेशिया, सिंगापुर, सुमात्रा एवं बोर्निओ से होकर गुजरेगा.
अगला सूर्य ग्रहण 21 जून को
अगला सूर्य ग्रहण भारत में 21 जून, 2020 को दिखाई देगा। यह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। वलयाकार अवस्था का संकीर्ण पथ उत्तरी भारत से होकर गुजरेगा । देश के शेष भाग में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई पड़ेगा।\
सूर्य ग्रहण और सूतक काल का समय-
26 दिसंबर को होने वाला सूर्य ग्रहण 2 घंटे 52 मिनट का होगा. 26 दिसंबर को सुबह 8 बजकर 4 मिनट पर सूर्य ग्रहण शुरू होगा सुबह 10 बजकर 56 मिनट पर समाप्त होगा. साथ ही सुबह साढ़े नौ बजे ग्रहण का मध्यकाल होगा. ग्रहण से 12 घंटे पहले ही सूतक काल शुरू हो जाता है. इसलिए इस बार सूर्य ग्रहण का सूतक काल 25 दिसंबर को रात 8 बजे ही शुरू हो जाएगा, जो कि ग्रहण समाप्त होने तक रहेगा.
शुद्ध मन से पूजा करें-
सूर्य ग्रहण के पश्चात घर और शरीर की शुद्धि होने के बाद घर में पूजा भी करनी चाहिए. पूजा के दौरान मंत्रों के जाप से देवों घर में देवों का वास होता है. नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. यदि घर की शुद्धि होने के बाद भी आपको लगे कि कुछ बुरी शक्तियां रह गई हैं. तो, एक पोटली में नारियल, थोड़ा चावल और थोड़ा दही लेकर रख लें. पूरे घर की परिक्रमा करें और पोटली बंद कर उसे नदी में फेंक दें.
गंगाजल से नहाकर शरीर की शुद्धि करें-
सूर्य ग्रहण के पश्चात घर की सफाई के साथ-साथ शरीर की सफाई की भी जरूरत होती है. इसलिए ग्रहण के पश्चात गंगा स्नान का महत्व ज्यादा होता है. यदि आप गंगा स्नान के लिए नहीं जा सकते हैं तो अपने घर में ही बाल्टी के पानी में गंगाजल मिलाएं और उससे नहाएं. इससे आपके शरीर की नकारात्मकता दूर हो जाएगी. नहाने के बाद पूरे घर में अगरबत्ती लगाएं. इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा.
सूर्य ग्रहण के पश्चात पंचगव्य का करें छिड़काव-
गंगाजल से शुद्धि करने के बाद घर में पंचगव्य का छिड़काव भी कर सकते हैं. दूध, दही, घी, गौमूत्र, गोबर आदि का मिश्रण बनाकर घर के चारों कोनों में छिड़काव करें. इसके अलागा गुग्गुल धूप आदि जलाकर घर में धुआं करें.
गंगाजल का छिड़काव कर घर की सफाई करें-
गंगाजल को पवित्र माना जाता है. इसलिए सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद पूजाघर और पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें. इससे आपके घर में ग्रहण के दौरान आए नकारात्मक प्रभाव दूर हो जाएंगे. इसके बाद घर की अच्छे से सफाई करें. सेंधा नमक का पोछा लगाएं.
सूर्य ग्रहण के बाद घर की शुद्धि का महत्व-
सूर्य ग्रहण की घटना को हिंदू मान्यताओं में बहुत अशुभ माना जाता है. व्यक्ति के जीवन पर ही नहीं बल्कि उसके आवास और भौतिक चीजों पर भी सूर्य ग्रहण का प्रतिकूल प्रभाव पडता है. इसलिए कहा जाता है कि सूर्य ग्रहण के बाद सिर्फ शरीर ही नहीं बल्कि अपने घर की भी शुद्धि करनी चाहिए.