LAC पर कुछ बड़ा होने वाला है, CDS बिपिन रावत ने दिया चीन की नींद उड़ाने वाला बयान!

पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में धोखबाजी से भारतीय सैनिकों पर हमला करने वाला दगाबाज चीन बाज नहीं आ रहा है. लगातार LAC पर गतिविधियां बढ़ाने में लगा हुआ है. मगर भारतीय सेना भी फिर से हड्डी तोड़ पराक्रम दिखाने के लिए पूरी तरह से तैयार है. दरअसल LAC पर विवाद सुलझाने के लिए भारत और चीन के बीच कई बार सैन्य वार्ता हो चुकी हैं लेकिन पूर्वी लद्दाख में तनाव कम नहीं हो रहा है. क्यों कि चालबाज कोई ना कोई ऐसी नापाक हरकत या मांग कर ही देता है जो तनाव और पैदा कर देती है. ये सब देखते हुए चीफ आफ डिफेंस स्‍टाफ जनरल बिपिन रावत ने एक बड़ा बयान दिया है. जिससे जिंनपिंग की नींद जरूर उड़ जाएगी.

दरअसल सीडीएस बिपिन रावत लद्दाख में चीनी सेना की घुसपैठ बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अगर बातचीत फेल रही तो सैन्य विकल्प मौजूद है. सीडीएस ने कहा कि सरकार का प्रयास बातचीत के जरिये इस मुद्दे को सुलझाना है. हालांकि उन्‍होंने ये भी साफ कर दिया कि अब चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूर्वी लद्दाख में सेनाएं पूरी तरह से तैयार हैं. उन्‍होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और राष्‍ट्रीय सुरक्षा के जिम्‍मेदार लोग इस कोशिश के साथ सभी विकल्‍पों पर विचार कर रहे हैं कि पीएलए लद्दाख में पहले जैसी स्थिति में लौट जाए. अगर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पूर्वस्थिति बहाल करने की कोशिशें सफल नहीं होती हैं तो सैन्‍य कार्रवाई के लिए रक्षा सेवाएं हमेशा तैयार रहती हैं.

जनरल बिपिन रावत का ये बयान इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्यों कि जब तीन साल पहले चीन ने डोकलाम में धौंस दिखाई थी, तब भी जनरल रावत ही सेना प्रमुख थे. लगभग दो महीने से ज्यादा चले विवाद के बाद चीन को भारत के आगे झुकना ही पड़ा था. ऐसे में सीडीएस बिपिन रावत का बयान साफ करता है कि LAC पर कुछ ब़ड़ा होने वाला है. जो चीन को भारी पड़ेगा.

CDS बिपिन रावत का ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब हाल ही में सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी कह चुके हैं कि आर्मी हाई अलर्ट पर है. इसके अलावा सेना प्रमुख नरवणे ने अपने फील्ड कमांडर्स को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने के लिए कहा था. साथ ही उन्होंने हर समय परिचालन की तैयारी बनाए रखने के लिए कहा था. यानी कि भारतीय सेना ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को ये बात स्पष्ट रूप से बता दी है कि एलएसी को बदलना उन्हें मंजूर नहीं है. अगर चीन तनाव कम नहीं करता है तो उसे हड्डी तोड़ पराक्रम फिर से दिखाया जाएगा. और इस बार चीन को भारतीय सेना ऐसा सबक सिखाएगी शायद ही वो कभी भूल पाए. वैसे भी गलवान घाटी में हमारे जवानों ने चीनी सैनिकों की गर्दने तोड़कर जो बुरा हाल किया उसके बारे में सुनकर चीन आज भी कांप उठता है.

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