सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर को है। इस दिन वृद्धि योग और मूल नक्षत्र का विशेष संयोग बन रहा है, जो बहुत शुभ माना जाता है। इस संयोग के कारण पिंडदान, तर्पण और महादेव की पूजा से पितृदोष, ग्रह दोष और अन्य कष्टों से मुक्ति मिल सकती है।
इस संबंध में पंडित मनोज पांडेय ने शनिवार को बताया कि इस दिन निराहार रहकर-अपने पितरों की मुक्ति की कामना करनी चाहिए। यह दिन विशेष रूप से पितरों की पूजा और तर्पण करने का है। उन्होंने कहा कि पितरों की पूजा का महत्व माह में एक बार आता है। इसके अलावा अमावस्या के दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करने से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है और पाप से मुक्ति मिलती है।
सोमवती अमावस्या पर मनोकामना पूर्ति के लिए खास योग बन रहे हैं। इस बार सोमवती अमावस्या शनिवार के दिन पड़ रही है। इस दिन विशेष मनोकामना पूरी करने के लिए भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के साथ भगवान शंकर की पूजा करें। सुबह जल्दी स्नान करने के बाद शिवलिंग पर काले तिन और काली उड़द से जलाभिषेक करें। भगवान से अपनी मनोकामना मांगे।