नोएडा : कुछ खबरें ऐसी होती हैं, जिन पर भरोसा करना नामुमकिन सरीखा होता है. ज्यादातर ऐसी खबरें रिश्तों को शर्मसार करने वाली होती हैं, जिनके बारे में जानकर सबका सिर शर्म से झुक जाता है. इस खौफनाक मामला ने लोगो को होश उड़ा दिए. एक महिला की मौत के बाद उनके बेटे पर उन्हें जिंदा दिखाकर 285 करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पने का आरोप लगा है। आरोप है कि बड़े बेटे ने शपथ पत्र देकर बराबर के मालिकाना हक वाली कंपनी पर कब्जा करके 29 करोड़ रुपये दोस्त की कंपनी में ट्रांसफर कर दिए। इसकी जानकारी मिलने पर सेक्टर-15ए में रहने वाले छोटे भाई ने पुलिस और कोर्ट में मामले की शिकायत की। छोटे भाई का कहना है कि इसका विरोध करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। इसके आधार पर सेक्टर-20 पुलिस ने आरोपित बड़े भाई, उनकी पत्नी और बेटे को सोमवार देर शाम मुंबई से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के अनुसार
सेक्टर-15ए के रहने वाले कारोबारी विजय गुप्ता ने इसकी शिकायत की थी। उन्होंने पुलिस को बताया है कि उनकी मोमबत्ती बनाने की कंपनी है। कंपनी का नोएडा और मुंबई में ऑफिस है। उनके साथ बड़े भाई सुनील गुप्ता भी इस कंपनी में डायरेक्टर हैं। उनसे पहले कंपनी के उनके पिता केपी गुप्ता और मां कमलेश रानी गुप्ता डायरेक्टर थे।

मां ने कंपनी में दोनों भाइयों को 48.17 फीसदी की हिस्सेदारी की वसीयत की थी। विजय गुप्ता का आरोप है कि मां की मौत के बाद उन्होंने बड़े भाई से कंपनी के खातों का जॉइंट अकाउंट बनाने को कहा, लेकिन वह टालमटोल करते रहे। आरोप है कि 14 मार्च 2011 में मां की मौत के बाद धोखाधड़ी करके बैंक बैलेंस, जूलरी समेत सारी पुश्तैनी संपत्ति अपने, पत्नी राधा गुप्ता और पुत्रों के नाम करवा ली। इसके लिए उन्होंने मरी मां के जिंदा होने का शपथ पत्र देकर जाली वसीयत तैयार करवा ली।
पुलिस अधिकारी के अनुसार सुनील गुप्ता की मां का निधन 7 मार्च 2011 में हुई थी. सुनील की मां के नाम पर 285 करोड़ रुपये की संपत्ति है, जिसमें मुंबई में एक मोमबत्ती बनाने वाली फैक्ट्री भी है जिसका एक दफ्तर नोएडा में भी है. आरोपी के मां की इच्छा थी कि उसकी मौत के बाद उसके संपत्ति को उसके बेटों में बराबर बांट दी जाए. लेकिन दूसरे विजय ने सुनील के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर कर दी. उसने आरोप लगाया कि उसका भाई सुनील फर्जी दस्तावेज की मदद से मां की संपत्ति को हड़पना चाहता है.
विजय ने आरोप लगाया कि सुनील ने बगैर उनसे बात किए मां की मौत के तुरंत बाद कंपनी के खाते से 29 करोड़ रुपये निकाल कर अपने किसी दोस्त की कंपनी में लगाया. विजय का आरोप है कि सुनील गुप्ता ने मुंबई में रजिस्ट्रार ऑफिस में दस्तावेज पेश कर दावा किया था कि उसकी मां ने उसे यह फैक्ट्री गिफ्ट में दी है. कानून के तहत आप किसी मरने के बाद उसके द्वारा गिफ्ट दिए जाने का दावा नहीं कर सकते. सुनील को इस बात का पता था और इसलिए ही मां को कागजों में जिंदा बताया. नोएडा पुलिस ने तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर दिया है जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.