सोनभद्र खूनी संघर्ष: ग्राम प्रधान सहित 24 आरोपी गिरफ्तार, 02 असलहे भी बरामद

क्या है मामला

सोनभद्र घटना के मुख्य आरोपी ग्राम प्रधन यज्ञदत्त को पुलिस ने गुरुवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने प्रधान के भाई धर्मेंद्र को भी गिरफ्तार किया है।

मीडिया के अनुसार सोनभद्र के घोरावल थाना अन्तर्गत मूर्तिया ग्राम पंचायत के उम्भा गांव में बुधवार को जो खूनी संघर्ष हुआ था, उसका मुख्य आरोपी वहां का ग्राम प्रधान यज्ञदत्त है। बताया जाता है कि उसकी छवि इलाके में दबंग की है। यज्ञदत्त गुर्जर बिरादरी से है। वर्षों पहले उसका परिवार पश्चिम उत्तर प्रदेश से आकर यहां बसा था।

सोनभद्र पुलिस ने गुरुवार देर रात यज्ञदत्त और उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले राज्य मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार आज शाम तक इस मामले में 24 अभियुक्तों को गिरफ्तार करते हुए हत्या में प्रयुक्त 02 असलहे भी बरामद किए गए हैं।

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि आलाधिकारियों ने आज घटना स्थल का निरीक्षण किया। घटना में संलिप्त अभियुक्तों की शीघ्रातिशीघ्र गिरफ्तारी हेतु क्षेत्राधिकारी नगर के नेतृत्व में टीमों का गठन कर उनकी गिरफ्तारी हेतु सम्भावित स्थानों पर दबिश दी जा रही है। उन्होंने बताया कि मौके पर शान्ति व कानून-व्यवस्था सामान्य है फिर भी घटना की गम्भीरता के दृष्टिगत मौके पर अपर पुलिस अधीक्षक, आॅपरेशन व क्षेत्राधिकारी, नगर के नेतृत्व में पर्याप्त पुलिस व पी0ए0सी0 बल तैनात कर स्थिति पर दृष्टि रखी जा रही है।

सामूहिक नरसंहार: कमिश्नर की जांच में पुलिस का खुफिया तंत्र फेल

सोनभद्र जनपद के घोरावल थाना क्षेत्र अंतर्गत उभ्भा गांव में 112 बीघा जमीन विवाद को लेकर दस लोगों की हत्या के मामले में रिपोर्ट में पुलिस की लापरवाही को अहम वजह बताया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चौबीस घंटे के अन्दर रिपोर्ट देने के निर्देश दिये थे। इस पर आयुक्त विंध्याचल मंडल आनंद कुमार सिंह ने गुरुवार को घोरावल पहुंचकर मामले की जांच की। उनकी रिपोर्ट के मुताबिक इस घटना में पुलिस का इंटेलिजेंस फेल साबित हुआ है।

जांच के दौरान सोनभद्र के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के बयान दर्ज किए गये। साथ ही घटना के संदर्भ में स्थानीय लोगों के भी बयान लिये गये। मंडलायुक्त के अनुसार घोरावल की घटना में पुलिस का खुफिया तंत्र फेल साबित हुआ है। 32 ट्रैक्टर से लोग असलहे लेकर खेत की जुताई करने पहुंच गए और पुलिस प्रशासन को इसकी जानकारी तक नहीं हुई। सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच की गई है। बताया जा रहा है कि ग्रामीण इस मामले में पहले भी पुलिस को तनावपूर्ण स्थिति की जानकारी दे चुके थे, लेकिन इसे गम्भीरता से नहीं लिया गया और इसकी परिणीति इतने बड़े हत्याकांड के रूप में सामने आयी।

इससे पहले बुधवार को घटना के बाद तुरंत मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने इस मामले को संज्ञान में लिया था। उन्होंने मृतकों के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। इसके साथ ही जिलाधिकारी सोनभद्र को वारदात में गंभीर रुप से घायल लोगों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दे दिये थे ।

पुलिस फोर्स को पहुंचने में हुई काफी देरी

उभ्भा गांव में बुधवार को जमीन की नपाई होनी थी। इसके लिए लेखपाल के साथ ही पुलिस को भी सूचना थी लेकिन कोई मौके पर नहीं पहुंचा था। प्रधान पक्ष के लोग जब फायरिंग करने लगे और लोगों की मौत हो गई तो सूचना पर सबसे पहले डायल 100 पुलिस पहुंची। इसके दो घंटे बाद फोर्स पहुंची।

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