सोनिया गांधी पर बड़ा सवाल: नागरिकता से पहले कैसे बनीं वोटर? कोर्ट ने जारी किया नोटिस

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी को नोटिस भेजा है। विशेष न्यायाधीश की अदालत ने यह नोटिस उस आरोप के आधार पर जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि सोनिया गांधी का नाम 1980 की मतदाता सूची में दर्ज किया गया था, जबकि उन्होंने भारतीय नागरिकता 1983 में प्राप्त की थी।

यह नोटिस एक रिवीजन याचिका पर सुनवाई के दौरान जारी किया गया। दरअसल, पहले इसी मामले में दाखिल एक याचिका मजिस्ट्रेट कोर्ट ने खारिज कर दी थी। उसी आदेश को चुनौती देते हुए नई रिवीजन पिटीशन दायर की गई, जिसके बाद कोर्ट ने सोनिया गांधी से जवाब मांगा है।

क्या है मामला?

याचिकाकर्ता विकास त्रिपाठी ने अपनी रिवीजन याचिका में आरोप लगाया है कि सोनिया गांधी का नाम वर्ष 1980 में नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र की वोटर लिस्ट में शामिल कर लिया गया था, जबकि वे तब भारतीय नागरिक नहीं थीं। उनका दावा है कि यदि उस समय राष्ट्र की नागरिकता नहीं थी तो पहली बार नाम दर्ज कराने के लिए फर्जी दस्तावेज इस्तेमाल किए गए होंगे। उन्होंने मांग की थी कि इसे संज्ञेय अपराध मानते हुए सोनिया गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए।

लेकिन अतिरिक्त चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (ACMM) वैभव चौरसिया ने 11 सितंबर के अपने आदेश में इस याचिका को खारिज कर दिया था। अदालत ने कहा था कि मतदाता सूची से जुड़े मामलों की जांच न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं आती और ऐसा करना संविधान के अनुच्छेद 329 का उल्लंघन होगा, क्योंकि चुनावी सूचियों की देखरेख संवैधानिक संस्थाओं के अधिकार में है।

याचिका खारिज होने के बाद विकास त्रिपाठी ने इस आदेश को चुनौती देते हुए रिवीजन दाखिल की, जिस पर कोर्ट ने सोनिया गांधी और दिल्ली पुलिस दोनों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

कौन-कौन से सवाल उठाए गए हैं?

याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि:

  • सोनिया गांधी ने 30 अप्रैल 1983 को भारतीय नागरिकता हासिल की।
  • इसके बावजूद उनका नाम 1980 की नई दिल्ली की मतदाता सूची में शामिल था।
  • उनका नाम 1982 की वोटर लिस्ट में हटाया गया—ऐसा क्यों किया गया, इसका भी स्पष्टीकरण नहीं है।
  • यदि 1983 से पहले वह नागरिक नहीं थीं, तो किन दस्तावेजों के आधार पर 1980 में उनका नाम पंजीकृत किया गया?
  • क्या मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए फर्जी कागजात का उपयोग हुआ?

अब कोर्ट ने इस मामले पर विस्तृत जवाब दायर करने के लिए सोनिया गांधी और दिल्ली पुलिस दोनों को नोटिस भेजा है। अगली सुनवाई में इन सवालों पर स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद है।

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