
तिरुपति: सूत्रों के अनुसार, तिरुपति स्थित एक निजी टेक-मैन्युफैक्चरिंग प्लांट से उच्च-मूल्य मोबाइल कैमरा मॉड्यूल्स की भारी मात्रा में चोरी होने का मामला लगातार गहराता जा रहा है। बताया जा रहा है कि चोरी किया गया माल हजारों करोड़ रुपये के आसपास हो सकता है, हालांकि इस बारे में किसी सरकारी विभाग ने अब तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि इस मामले की लगभग चार महीनों से चुपचाप जांच चल रही थी, क्योंकि इन्वेंट्री रिकॉर्ड्स में असामान्य अंतर लगातार बढ़ते जा रहे थे।
नोएडा कनेक्शन और नेटवर्क की परतें खुलने लगीं
जांच से जुड़े अनौपचारिक सूत्रों की मानें तो इस चोरी के पीछे नोएडा-आधारित एक संगठित माफिया नेटवर्क सक्रिय होने की संभावना जताई जा रही है। कुछ स्रोत यह भी दावा कर रहे हैं कि चोरी किया गया माल संभवतः नोएडा के किसी गुप्त स्थान पर छिपाया गया हो सकता है, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
सूत्र बताते हैं कि यह नेटवर्क अकेले काम नहीं कर रहा था—दिल्ली-NCR के कुछ अन्य लोग, जो मनी-लॉन्ड्रिंग से जुड़े गतिविधियों में पहले भी संदिग्ध रहे हैं, वे भी इस ऑपरेशन में शामिल हो सकते हैं।
जांच एजेंसियां इन संभावित लिंक को गंभीरता से परख रही हैं।
देशभर में सप्लाई की संभावना
अंदरूनी रिपोर्टों से यह भी संकेत मिल रहे हैं कि यह चोरी काफी समय से लगातार हो रही थी, और चोरी किया गया टेक-मटेरियल देश के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचाया जाता था।
यह नेटवर्क कथित रूप से बहुत मजबूत, फाइनेंशियली बैक्ड और हाई-टेक तरीके से ऑपरेट कर रहा था।
कुछ गिरफ़्तारियाँ भी “होने की चर्चा”
हालांकि कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन उद्योग से जुड़े कुछ लोगों का कहना है कि कुछ संदिग्ध व्यक्तियों को चुपचाप हिरासत में लिया गया है, और उनसे पूछताछ की जा रही है।
फिर भी, एजेंसियों ने अब तक कोई नाम या संख्या सार्वजनिक नहीं की है।
जांच जारी, आधिकारिक पुष्टि का इंतज़ार
मामला अभी भी सक्रिय जांच में है, और अधिकारी लगातार विभिन्न एंगल खंगाल रहे हैं।
अब तक इस संबंध में कोई सरकारी विभाग या पुलिस इकाई ने औपचारिक रूप से घटना की पुष्टि नहीं की है।
सभी जानकारी सिर्फ सूत्रों, उद्योग से जुड़े अंदरूनी लोगों और प्रारंभिक रिपोर्टों पर आधारित है।













