गाजीपुर हिंसा : सरकार पर बरसे अखिलेश, कहा-CM योगी भाषा है, ‘ठोक दो, समझ नहीं आता किसे ठोकना है…

गाजीपुर में में हुई हिंसा पर सियासत गरमा गयी है. इस बीच सपा मुखिया ने प्रदेश सरकार पर जमकर प्रहार किया है. बताते चले. निशाद पार्टी के कार्यकर्ताओं की पत्थरबाजी से हुई एक पुलिस कॉन्सटेबल और दो स्थानीय नागरिकों की मौते के बाद विपक्ष लगातार उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार पर निशाना साध रहा है.

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘ये घटना इसलिए घटी क्योंकि सीएम सदन में हो या मंच पर हों, उनकी एक ही भाषा है, ‘ठोक दो’.’ उन्होंने कहा कि, ‘ कभी पुलिस को नहीं समझ आता किसे ठोकना है, कभी जनता को नहीं समझ आता किसे ठोकना है.’

वाराणसी जोन के ADG पीवी राम सास्त्री ने बताया

, ‘इस मामले में अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. सीएमओ के मुताबिक पुलिस कॉन्सटेबल की मौत सिर पर चोट लगने की वजह से हुई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आना अभी बाकी है.’ उन्होंने बताया कि, ‘मामले की जांच जारी है. 70-80 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.’

इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शनिवार को कहा कि ‘आदित्यनाथ के महाजंगलराज में न जनता सुरक्षित है,ना ही पुलिस. आज गाजीपुर में मोदीजी की रैली के बाद, भीड़ ने पुलिस कांस्टेबल,सुरेश वत्स की निर्मम हत्या की. इसके पहले इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की भीड़ ने हत्या की,जिसे CM ने ‘दुर्घटना’ क़रार दिया!’ उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘बीजेपी के राज में लोकतंत्र भीड़तंत्र के बराबर है’.

क्या है पूरा मामला?

शनिवार को गाजीपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराजा सुहेलदेव को समर्पित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आए थे. यहां उन्होंने महाराजा सुहेलदेव के नाम पर एक पोस्ट स्टांप जारी कर रैली को संबोधित किया. मृतक पुलिस कॉन्स्टेबल सुरेश वत्स उसी सभा में ड्यूटी पूरी कर के वापस लौट रहे थे. तभी गाजीपुर में विरोध प्रदर्शन के दौरान निशाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पत्थरबाजी शुरू कर दी. इसी पत्थरबाजी में वत्स की मौत हो गई.वहीं दो स्थानीय नागरिकों की भी मौत हो गई थी. पुलिस ने बताया कि निशाद पार्टी के कार्यकर्ता पहले से ही अटवा मोड़ पर प्रदर्शन कर रहे थे.

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