
भारत दुनिया भर में अपनी संस्कृति की वजह से प्रसिद्ध हैं. इस संस्कृति का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हैं त्योहार. हालांकि अभी कोरोना के चलते सभी त्योहारों के रंग में भंग तो पड़ा हैं लेकिन देश की केंद्रीय सरकार पूरी कोशिश में लगी रही कि किसी भी तरह से भारत के बड़े त्योहारों को दुनियाभर में याद किया जाए. इस क्रम में बीती दिवाली पर अयोध्या में दिवाली का भव्य आयोजन से पूरा अयोध्या जगमगा उठा. इस बार भी योगी सरकार ने अयोध्या की पावन भूमि पर 5 लाख दिए जलाये थे. जिसने एक वर्ल्ड रिकोर्ड भी बनाया. ठीक इसी तरह धर्मनगरी वाराणसी की देव दीपावली दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं. यहां का नजारा देख ऐसा लगता है, जैसे भगवान खुद धरती पर आकर यहां पर दीयों को जलाकर पूरे संसार रौशन कर देते हों. हर साल की तरह इस बार भी कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर पर देव दीपावली की भव्य तैयारी की जा रही है. जिसमें खुद वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शिरकत करने आ रहे हैं. ख़ास बात ये हैं कि इस बार की देव दीपावली को अयोध्या की दिवाली के तर्ज़ पर काशी में मनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
देव दीपावली बनारस के लिए सिर्फ धार्मिक रूप से ही नही बल्कि आर्थिक रूप से भी काफी महत्त्व रखती है. जहां एक तरफ लॉकडाउन के कारण बनारस का पर्यटन पूरी तरीके से नष्ट हो चुका है. ऐसे में यह देव दीपावली एक बार फिर से बनारस के पर्यटन में जान डाल सकती है. तो वहीं दूसरी तरफ जैसे ही मोदी जी के आने की खबर आई है, तबसे पर्यटकों की बुकिंग भी तेज़ी से आनी शुरू हो गई है.
ऐसे में पर्यटन विभाग से लेकर होटल व्यवसाई तक इस बार के देव दीपावली पर नजर बनाए हुए हैं. प्रशासन से इजाजत मिलने के बाद बनारस के सभी लोग काफी खुश नजर आ रहे हैं क्योंकि ये महोत्सव ऐसा होता है, जिसमें बनारस का कोई भी होटल, नाव और व्यापार खाली नहीं होता है.

देव दीपावली पर बनारस के 84 घाटों को दीयों से सजाए जाता हैं. एक तरफ जहां गंगा आरती विश्व के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है. वहीं 84 घाटों पर टिमटिमाते हुए दिए मानो ऐसे लगते हैं जैसे धरती पर ही तारें उतर आएं हो. इस बार भी देव दीपावली पर वाराणसी के 84 घाट दियों से सजाया जाएंगे. लेकिन इन दियों की संख्या इस बार हजार 2000, 50 हजार या लाख नहीं बल्कि 11 लाख से भी ऊपर होगी. यानि इस बार काशी में अयोध्या की तर्ज पर देव दीपावली मनाई जाएगी. जो कि एक विश्व रिकॉर्ड भी बन सकती है. इस आयोजन को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन समाज सेवी संस्था, देव दीपावली मनाने वाली संस्थाओं को भी जिम्मेदारी दी है.
इसी के साथ बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी भी वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती को काफी पसंद करते हैं. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पीएम मोदी को जब भी मौका मिलता है, गंगा आरती देखने के लिए जरूर आते हैं. यही नहीं वह अपने मेहमानों को भी यहां लाने से बिल्कुल नहीं हिचकते हैं. शायद यही कारण है कि इस बार पीएम मोदी वाराणसी के देव दीपावली के अवसर पर इस गंगा आरती को देखने के लिए आ रहे हैं. ऐसे में पूरी काशी और गंगा आरती उनका बाहें फैला कर स्वागत करने के लिए तैयार है.
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