श्रीनगर-जम्मू हाइवे पर आतंकियों ने सीआरपीएफ काफिले पर हमला कर दिया जिसमें 12 जवान शहीद हो गए, हमले में कई जवान घायल भी हुए हैं बताते चले जम्मू-कश्मीर पुलवामा जिले में आज गुरुवार शाम हुए एक बड़े आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 12 जवान शहीद हो गए हैं। श्रीनगर-जम्मू हाइवे पर स्थित अवंतीपोरा इलाके में आतंकियों ने हमला किया है। इस हमले के बाद से ही दक्षिण कश्मीर के कई इलाकों में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा अलर्ट जारी किए गए हैं। पुलवामा के इस आतंकी हमले के बाद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस घटना की जिम्मेदारी ली है।
10 से अधिक जवानों जवानों को हालत गंभीर
एक चैनल के अनुसार, गुरुवार शाम केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों पर अवंतिपोरा के गरीपोरा के पास घात लगाकर बैठे आतंकियों द्वारा हमला किया गया। स्थानीय सूत्रों के अनुसार आतंकियों ने इस इलाके में पहले हाइवे पर लगाई आईईडी में ब्लास्ट किया और फिर सीआरपीएफ जवानों के वाहनों पर ऑटोमैटिक हथियारों से जबरदस्त गोलीबारी की। इस हमले में सीआरपीएफ का वाहन भी आईईडी ब्लास्ट की चपेट में आ गया, इस हमले में 16 जवान घायल हुए। इस हमले के बाद जवानों को तुरंत श्रीनगर के हॉस्पिटल में शिफ्ट करने का काम शुरू किया गया, लेकिन अस्पताल में ले जाते वक्त 12 जवान शहीद हो गए। इसके अलावा अन्य 10 से अधिक जवानों जवानों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराकर इनका इलाज शुरू कराया गया।
दक्षिण कश्मीर में अलर्ट, सर्च ऑपरेशन जारी
इस हमले की जानकारी मिलने के बाद तत्काल पुलवामा में मौजूद सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की अन्य कंपनियों को अवंतिपोरा भेजा गया। आतंकी वारदात के बाद सेना ने फिलहाल जम्मू-श्रीनगर हाइवे पर ट्रैफिक बंद करते हुए अवंतिपोरा और आसपास के इलाकों में बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। इसके अलावा पुलवामा, शोपियां, कुलगाम और श्रीनगर जिलों में हाई अलर्ट जारी किया गया है। हमले में घायल जवानों का इलाज लगातार जारी है और एजेंसियों के अधिकारी लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
पहले भी आतंकी निशाने पर आए थे जवान
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर गुरुवार को हुआ यह हमला आतंकी हमले की पहली वारदात नहीं है। एक साल पहले 15 फरवरी 2019 को भी आतंकियों ने पुलवामा के पंजगाम स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के एक कैंप पर हमला किया था। इस वारदात के दौरान आतंकियों ने सीआरपीएफ के शिविर पर हमला कर कैंप में घुसने की कोशिश की थी, लेकिन जवानों की सतर्कता के कारण कामयाब नहीं हो सके थे।