एसएसपी ने कार छोड़ने के एवज में रूपये मांगने वाले दरोगा को किया निलम्बित

-पीड़ित का विडियो वायरल होने पर हुई कार्रवाई

गोरखपुर। जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डीआईजी जोगेंद्र कुमार ने गोला थाने में कार छोड़ने के एवज में रूपये मांगने वाले दरोगा को निलम्बित कर दिया और उसकी जांच क्षेत्राधिकारी को सौंपी। इलाके के सेमरी गांव के एक युवक ने विडियो वायरल कर उन पर बेवजह थाने में बैठाने, मारने-पीटने और दस हजार रूपया लेकर उसे छोड़ने का आरोप लगाया है।

 गोला थाना क्षेत्र के सेमरी गांव निवासी दीपक तिवारी उर्फ दीपू का एक वीडियो एक दिन पहले काफी वायरल हुआ था। वायरल वीडियो में दीपू ने थाने के एक दरोगा पर दो दिन तक हिरासत में लेकर प्रताणित करने का आरोप लगाया। वीडियो में वह कह रहा था कि वह दो दिन पहले दरोगा से मिलने उनके आवास पर गया था। वे बताए थे कि मैं एक मुकदमें में वांछित हूं। वहां वे मुझको मारेपीटे और ले जाकर थाने में बैठा दिए और मेरी कार को आवास के सामने खड़ा करा लिए। मैं दो रात व एक दिन थाने पर बैठा रहा। उसके बाद दस हजार रूपया लिए। मेरे बैंक एकाउंट के एटीएम से लाकर एक लड़का दिया। आज भी मेरी कार उनके आवास पर है। उसको थाने भी नहीं लाया गया। वायरल विडियो में उनके आवास के सामने खड़ी कार को भी दिखाया गया है। वही एक अन्य मामले में सेमरी गांव की आशा कार्यकर्ता मंजू तिवारी ने मुख्यमंत्री दरबार में पहुंचकर शिकायती पत्र दिया था। जिसमें दरोगा पर गांव के रसूखदारों से मिलकर अपने पुत्र को प्रताड़ित करने और तीस हजार रूपए घूस मांगने का आरोप लगाया था। 


आशा कार्यकत्री ने भी दरोगा की सीएम से की थी शिकायत
गोरखपुर।
गोला थाना क्षेत्र के सेमरी गांव निवासिनी आशा कार्यकत्री मंजू तिवारी ने बीते शुक्रवार को गोरखपुर में आयोजित जनता दरबार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्रक देकर रसूखदार लोगो की शह पर दरोगा विवेक शुक्ल पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था कि दरोगा उसके बेटे को छोडने के लिए 30 हजार रूपये की मांग कर रहा है।

     आशा कार्यकत्री ने मुख्यमंत्री को दिए प्रार्थना पत्र मे आरोप लगाया था कि अक्सर गांव के मरीजो को सीएचसी लेकर जाना पडता है इसी बीच गांव के कुछ लोग रंजिस के तहत परेशान करते हैं बिरोध पर वह दरवाजे पर चढ कर मारपीट करने को तैयार हो जाते हैं।कुछ दिन पूर्व उनका बेटा खेत की तरफ गया था इसी बीच यही दरोगा उसे थाने ले गये।वह थाने पहुंची तो उक्त दरोगा ने छोडने के एवज में तीस हजार रूपये की मांग किया और गांव के उन रसूखदार लोगो से माफी की सर्त रखी।पीडित आशा ने मुख्यमंत्री से जांच कर कार्यवाई की मांग की थी।

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