फिर विवादों में जोमैटो, बीफ और पोर्क फूड की डिलीवरी को लेकर भड़का स्टाफ, हड़ताल का ऐलान

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ऑनलाइन फूड डिलीवरी करने वाली कंपनी जोमैटो एक बार फिर विवादों में है। इस बार का मुद्दा आंतरिक है, लेकिन मामला हिंदू और मुस्लिम पर ही केंद्रित है। दरअसल सावन का महीना चल रहा है। कुछ दिनों बाद नवरात्र आएगा। मुस्लिम समुदाय के लिए ईद उल अजहा का त्यौहार चल रहा है। ऐसे समय में दोनों ही वर्गों के लोगों ने एक होकर पोर्क (सुअर को गोश्त) और बीफ (गोमांस) से निर्मित भोजन की डिलीवरी करने से इनकार किया है। कंपनी में डिलीवरी ब्वॉय के तौर पर काम करने वाले लोगों ने एकजुट होकर साफ कर दिया है कि वे सोमवार से किसी भी क्षेत्र में डिलीवरी नहीं करेंगे। इनकी मांग है कि इनकी धार्मिक मनोभावों का ख्याल रखा जाए।

खास बात यह है कि हावड़ा जिले से तृणमूल कांग्रेस के विधायक एवं मंत्री राजीव बनर्जी ने उनकी मांगों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि डिलीवरी ब्वॉय की मांग जायज है। उन्होंने आश्वस्त किया कि कर्मचारियों की इस मांग से संबंधित जांच भी शुरू कराएंगे।

राजीव बनर्जी ने कहा कि मुझे भी लगता है कि त्योहार के समय लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हुए कंपनी डिलीवरी का जो दबाव बना रही है वह नाजायज है। अगर ऐसा किया जा रहा है तो इसे तत्काल बंद किया जाना चाहिए। अगर आंदोलनरत कर्मचारी राज्य सरकार से संपर्क साधते हैं तो निश्चित तौर पर उन्हें मदद की जाएगी।

इस बारे में डिलीवरी ब्वॉय मोहसिन असगर ने कहा कि फिलहाल जोमैटो ने कई मुस्लिम रेस्तरां को अपने ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्टर किया है जहां से बीफ ऑर्डर को विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचाया जा रहा है। कई हिंदू लड़कों ने इसकी डिलीवरी करने से इनकार किया है। ऐसा भी सुनने में आया है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को भी सुअर का मांस लोगों तक पहुंचाना होगा। यह हमारी धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है और इसीलिए सोमवार से सभी समुदायों के डिलीवरी ब्वॉय एक साथ हड़ताल करेंगे। कंपनी के इस रवैए के कारण कर्मचारियों में मनमुटाव भी बढ़ रहा है।

डिलीवरी ब्वॉय वेदराज नाथ ब्रह्मा ने कहा कि कंपनी ने हाल ही में कई ऐसे रेस्तरां को रजिस्टर किया है जो बीफ सप्लाई करते हैं। उसके बाद कंपनी ने यह नियम बनाया है कि कोई भी ग्राहक अगर किसी भी तरह का कोई आर्डर करता है तो उसे किसी भी सूरत में कैंसिल नहीं किया जाएगा बल्कि ऑर्डर को निश्चित तौर पर पहुंचाना पड़ेगा। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई होगी। यह हमारे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली बात है। इसलिए हम लोग हड़ताल करेंगे। हालांकि इस बारे में जोमैटो के अधिकारियों की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है।

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