
जीएसटी काउंसिल का टैक्स दरों में बदलाव का फैसला एक अच्छा कदम है। इससे ग्राहकों का भरोसा बढ़ेगा और खरीदारी में भी इज़ाफा होगा। अलग-अलग क्षेत्रों में जीएसटी दरें कम करना सरकार के ‘विकसित भारत’ और मज़बूत अर्थव्यवस्था के सपने के अनुरूप है। हम सरकार और जीएसटी काउंसिल को ऐसे साहसी सुधार लागू करने के लिए बधाई देते हैं ।
प्रीमियम कारों पर 40% जीएसटी (बिना किसी अतिरिक्त सेस) प्रीमियम कार इंडस्ट्री के लिए शुभ समाचार है और इससे नई बिक्री को बढ़ावा मिलेगा। ऑटो पार्ट्स पर 18% की समान दर भी सप्लाई चेन और उच्च गुणवत्ता वाले ओरिजिनल पार्ट्स की मांग पर सकारात्मक असर डालेगी। इससे हमारे सम्मानित ग्राहकों के लिए कास्ट ऑफ़ ओनरशिप घटाने की दिशा में ठोस बढ़ावा मिलेगा।
सभी पैसेंजर इलेक्ट्रिक कारों (BEV) पर 5% जीएसटी बनाए रखना एक बहुत ही स्वागत योग्य कदम है। यह दिखाता है कि सरकार टिकाऊ और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर लगातार ध्यान दे रही है और इसे देश की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में रख रही है। इलेक्ट्रिक कारों पर लंबे समय तक स्थिर टैक्स नीति रहने से ऑटो कंपनियाँ अपने प्रोडक्ट बढ़ाने और ‘मेक इन इंडिया’ के तहत आगे की योजनाएँ बनाने में सक्षम होंगी। यह कदम 2030 तक सरकार के ईवी लक्ष्य को पूरा करने के लिए ज़रूरी है।
350 सीसी से कम प्रीमियम मोटरसाइकिलों पर जीएसटी घटाकर 18% करना मांग को बढ़ाएगा। हालांकि, 350 सीसी से अधिक मोटरसाइकिलों पर जीएसटी बढ़ाकर 40% करना मिड-सेगमेंट और हाई-एंड सेगमेंट मॉडल्स पर नकारात्मक असर डालेगा, जिनमें पिछले कुछ वर्षों से अच्छी वृद्धि देखी जा रही थी।
कुल मिलाकर, ग्राहकों को इन संशोधित जीएसटी दरों से बड़े पैमाने पर लाभ मिलेगा। इनके लागू होने के बाद हमें उम्मीद है कि खरीदारी के फैसलों में जो ठहराव आया हुआ है, वह टूटेगा और त्योहारी सीज़न के खत्म होने से पहले ही बिक्री फिर से रफ्तार पकड़ेगी।”