Watch Video : मुर्शिदाबाद में ट्रेनों में पथराव, रात भर लूटते रहें दुकानें, प्रदर्शनकारी या लुटेरे ?

मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल। मुर्शिदाबाद के एक स्थानीय विक्रेता ने हाल ही में हुई हिंसा की गंभीरता को उजागर करते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों ने उनके चाचा की दुकानों में तोड़फोड़ की और सामान लूट लिया। विक्रेता ने कहा कि इस मामले में पुलिस की अनुपस्थिति ने हालात को और बिगाड़ दिया और वे डर के साए में पूरी रात जागते रहे।

विक्रेता ने अपने बयान में कहा, “प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बाइक समेत कई चीजों को नुकसान पहुंचाया और आग लगा दी। हमारे चारों ओर डर का माहौल था, क्योंकि जब यह सब हो रहा था, तब पुलिस कहीं नहीं थी। जब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस स्टेशन पर हमला किया, तो पुलिसकर्मी खुद भागते नजर आए।”

बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने मुर्शिदाबाद हिंसा पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “बंगाल की ममता सरकार इस अराजकता को रोकने में असमर्थ है या जानबूझकर इसे बढ़ावा दे रही है। राज्य में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाया जा रहा है और सरकार कुछ नहीं कर रही है। राज्य सरकार को हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।”

यह उग्र प्रदर्शन शुक्रवार को वक्फ कानून के विरोध में भड़क उठा। निमटीटा रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों पर पथराव किया, जिसके कारण कई ट्रेनों को डायवर्ट करना पड़ा और दो ट्रेनों को रद्द किया गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए शमशेरगंज में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान तैनात किए गए।

प्रदर्शनकारियों ने सुती क्षेत्र में सरकारी बसों में आग लगा दी और राष्ट्रीय राजमार्ग-12 को अवरुद्ध कर दिया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। इतना ही नहीं, रघुनाथगंज के उमरपुर में भी प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों में आग लगा दी। भारतीय दंड संहिता की धारा 144 लागू होने के बावजूद विरोध प्रदर्शन जारी रहा, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति और बिगड़ गई।

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