हम सभी जानते है मनुष्यों की उत्तपत्ति स्त्री से हुई है क्योंकि स्त्री ही इस संसार की मूल सूत्रधारक है, इस विषय में आज जो हम आपको बताने वाले है उससे आपके सोचने का नजरिया ही बदल जायेगा। हिंदू धर्म में लोग नारी को देवी का दर्जा देते हैं। हिन्दु धर्म के अनुसार कन्या को लक्ष्मी का रूप माना जाता है जब भी किसी के घर लड़की का जन्म होता है तो उसे लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। यहां तक कि नवरात्री में लड़कियो को मॉ दुर्गा के स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है। मगर आज के इस कलयुग में महिलाओं की स्थिति बहुत खराब हो चुकी है। आज के समय में भी लोग लड़की होने पर किसी अभिशाप से कम नहीं समझते हैं।
आपकी जानकारी के लिये बता दे कि जब लड़की की शादी होती है तो उसे उसके ससुराल में भी माँ लक्ष्मी का रूप मान कर स्वागत किया जाता है,मान्यताओं के अनुसार लड़की या बहु के आगमन से घर में लक्ष्मी का आगमन होती है।इसके अतरिकत औरत के संबंध में बताया जाता है कि वह प्यार,त्याग और ममता की मूरत होती है।
आवश्यक बात आपको यह भी बता दे कि जिस घर में बहु बेटी को खुश और सुखी नही रखा जाता है,उस परिवार से खुशियाँ कोशो दूर चली जाती है. हमारे वेदों और पूर्वजो के अनुसार स्त्री को आज तक कोई समझ नही पाया है और ना कभी समझ पायेगा।
आपकी जानकारी के लिये बता दें कि एक महिला ही होती है जो अपने परिवार को एक डोर से बांध कर रखती है,यही कारण है की स्त्री को घर की इज्जत समझा जाता है,सभी स्त्रियों में उनके गुणों के साथ साथ उनके शारीर के अंगो का भी काफी महत्वपूर्ण स्थान होता है। शास्त्रों के अनुसार स्त्री के हाथ सबसे पवित्र होते है। वही अगर पवित्रता की बात करे तो चरित्र ही सब कुछ होता है। इसिलिए किसी ने कहा है कि मनुष्य ना तो जन्म से तिलक लगाकर आता है और ना ही जनेव पहनकर जो जैसा कर्म करता है वह वैसा ही बन जाता है।